अल्मोड़ा के सोमेश्वर में जैनाल व डोबी गधेरा उफनाया, दो धर्मशालाएं ध्वस्त
दाडि़मखोला में कोसी नदी व डोबी गधेरा के संगम पर शनि व भैरव मंदिर की धर्मशाला तथा कथा श्रवण एवं वाचन कक्ष पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। मंदिर परिसर का आगन व चहारदीवारी भी बाढ़ के वेग में बह गए। पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
जागरण संवाददाता, सोमेश्वर (अल्मोड़ा) : मुख्य मानसून से पहले अतिवृष्टिï के झटके ने जैनाल व पायखाम इलाके में आपदा जैसा अहसास करा दिया। मूसलधार बारिश से जैनाल व डोबी गधेरा उफना गए। कृषि भूमि बाढ़ की भेंट चढ़ गई। घरों में मलबा घुस आया। मंदिर, पुलिया व निर्माणाधीन सड़क की सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो गई।
दाडि़मखोला में कोसी नदी व डोबी गधेरा के संगम पर शनि व भैरव मंदिर की धर्मशाला तथा कथा श्रवण एवं वाचन कक्ष पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। मंदिर परिसर का आगन व चहारदीवारी भी बाढ़ के वेग में बह गए। पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पास ही शिव मंदिर को भी भारी नुकसान पहुंचा है। मंदिर परिसर की सौर स्ट्रीट बॉर्डर भी तहस नहस हो गया।
क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह नयाल के अनुसार दाडि़मखोला बाजार क्षेत्र में करीब 40 परिवारों की प्यास बुझाने वाला मुख्य नौला तक क्षतिग्रस्त हो गया है। किलबुडाल से बनी दाडि़मखोला सिंचाई पंपिंग योजना को भी क्षति पहुंची है। जगह जगह मलबा भर चुका है। हरवंश सिंह, पूरन सिंह, कुंदन सिंह, भूपेंद्र सिंह की लगभग 20 नाली कृषि भूमि तबाह हो चुकी है। आजीविका सहयोग परियोजना व महिला स्वयं सहायता समूह का पॉलीहाउस भी ध्वस्त हो गया।
उधर, अनुसूचित जाति बस्ती को जाने वाले मुख्य मार्ग पर पुलिया सुरक्षा दीवार व रैलिंग ध्वस्त हो गई है। तिलौरा गांव के घरों में मलबा भर गया है। निर्माणाधीन दाडि़मखोला सकनियाकोट रोड की दीवार भरभरा कर गिर गई। बीडीसी देवेंद्र व ग्राम प्रधान जानकी देवी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या व डीएम नितिन भदौरिया को पत्र लिख अतिवृष्टिï से हुई क्षति से राहत दिलाने की गुहार लगाई है। पेयजल योजनाओं को नुकसान होने से आने वाले समय में पानी की समस्या हो सकती है। वहीं मंदिर को हुए नुकसान को कोरोना पाबंदी के बाद पुनर्निर्माण कराया जाएगा।
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