गौला के गेट पर डटी अफसरशाही, बगल में निकल रहा था रेत

डीएम के निर्देश पर अफसरों की टीम शुक्रवार को गौला नदी के निकासी गेटों पर चेकिंग के लिए पहुंची।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 05:00 AM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 06:12 AM (IST)
गौला के गेट पर डटी अफसरशाही, बगल में निकल रहा था रेत
गौला के गेट पर डटी अफसरशाही, बगल में निकल रहा था रेत

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डीएम के निर्देश पर अफसरों की टीम शुक्रवार को गौला नदी के निकासी गेटों पर छापा मारने पहुंची। काफी देर तक चले चेकिंग अभियान में वाहनों को रोककर उनकी रॉयल्टी व अन्य कागज चेक किए गए। ओवरलोडिंग पर भी नजर दौड़ाई गई, पर कोई गड़बड़ी नहीं मिली, मगर कुछ ही दूरी गौला पुल के नीचे खनन माफिया के कहने पर मजदूर धड़ल्ले से रेत छानकर ढेर लगाने में जुटे थे। लेकिन गेट से सीधा दफ्तर पहुंचने वाले अफसरों को यह खेल नहीं दिखा।

अवैध खनन पर सख्ती से लगाम कसने को लेकर 15 नवंबर को डीएम ने अधिकारियों की मीटिंग बुलाई थी, जिसके बाद अलग-अलग नदियों के हिसाब से अफसरों की टीम बनाई गई और उन्हें नियमित छापामारी करने को कहा। शुक्रवार दोपहर सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसडीओ गौला धु्रव सिंह मर्तोलिया, डीएलएम हल्द्वानी जेपी भट्ट व अन्य कर्मचारी इंदिरानगर व आंवला चौकी गेट पर छापा मारने पहुंचे, जिससे वहां हड़कंप मच गया। इस दौरान गेट के बाहर कुछ गाड़ियों के खड़े होने पर जब रॉयल्टी की रसीद मांगी गई, तो उन्होंने गेट पर होने की बात कही। जिस पर उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि गेट पर अनावश्यक गाड़ी खड़ी न की जाए। डीएलएम जेपी भट्ट ने बताया कि अवैध खनन जैसी कोई बात सामने नहीं आई। पुल का मुद्दा सिर्फ बैठक में

गौलापुल के आसपास अवैध खनन से पुल के कमजोर होने का मुद्दा सिर्फ बैठक तक सीमित रहता है। शुक्रवार दोपहर धड़ल्ले से रेत छान ढेर लग रहा था, पर किसी जिम्मेदार की नजर उस पर नहीं पड़ी, जबकि पूर्व में यही पुल गिर भी चुका है। टीम को देख गिराया माल

टीम के पहुंचने की सूचना मिलने पर भारी मात्रा में ओवरलोडेड एक गाड़ी को चालक ने बैक कर लिया। माल गिराने के बाद कुछ देर में वह धर्मकांटे पर वापस आ गया। यह मामला काफी चर्चा में रहा। नौ गाड़ियों की निकासी बंद

आंवला चौकी गेट पर शुक्रवार को नौ खनन वाहन तय वजन से ज्यादा माल लेकर पहुंच गए, जिससे उनकी एक दिन की निकासी बंद कर दी गई। 25 को आएगी टीम

वन निगम के मुताबिक, केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण आयोग की टीम 25 नवंबर को हल्द्वानी पहुंचेगी, जिसके बाद गौला व नंधौर का सर्वे किया जाएगा। सर्वे ही तय करेगा कि इस बार कितना माल निकलेगा।

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