रैली-समारोह को मंजूरी तो बीडीसी बैठक से परहेज क्यों, ग्राम प्रधान संगठन की बैठक बुलाने की मांग

ग्राम प्रधान संगठन के जिला महामंत्री मनीष आर्य ने कहा कि जब रैली समारोह व भीड़-भाड़ वाले अन्य कार्यक्रम बुलाने के लिए सशर्त अनुमति दी जा रही है तो फिर बीडीसी बैठक बुलाने में देरी क्यों की जा रही है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 09:40 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 09:08 AM (IST)
रैली-समारोह को मंजूरी तो बीडीसी बैठक से परहेज क्यों, ग्राम प्रधान संगठन की बैठक बुलाने की मांग
संभावना है कि जल्द बैठक की तिथि घोषित हो जाएगी।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पिछले एक साल से बीडीसी बैठक नहीं होने की वजह से परेशान पंचायतों के जनप्रतिनिधि अब विकासखंड कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि ग्रामीणों की डिमांड पर बनाए प्रस्ताव रखने के लिए बैठक बुलाने की आवश्यकता है। ताकि विस्तार से चर्चा हो सके। ग्राम प्रधान संगठन के जिला महामंत्री मनीष आर्य ने कहा कि जब रैली, समारोह व भीड़-भाड़ वाले अन्य कार्यक्रम बुलाने के लिए सशर्त अनुमति दी जा रही है तो फिर बीडीसी बैठक बुलाने में देरी क्यों की जा रही है। हालांकि, ब्लाक का कहना है कि जनप्रतिनिधियों का मांग प्रस्ताव अफसरों को भेज दिया गया है। संभावना है कि जल्द बैठक की तिथि घोषित हो जाएगी।

सिंतबर 2019 में हुए पंचायत चुनाव के बाद पिछले साल छह फरवरी को विकासखंड सभागार में पहली बीडीसी बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें मौजूद क्षेत्र पंचायत सदस्यों व ग्राम प्रधानों ने गांव के विकास व समस्याओं से जुड़े कई प्रस्ताव रखे थे। दूसरी बैठक में पुराने प्रस्तावों को लेकर चर्चा होती, इससे पहले लाकडाउन लग गया। जिसके बाद से मामला अटकता चला गया। वहीं, ग्राम प्रधान संगठन की अध्यक्ष रूकमणी नेगी ने बताया कि जनप्रतिनिधियों की मांग को गंभीरता से लेते हुए जल्द खुली बैठक का आयोजन करना चाहिए।

फारेस्ट को छोड़ 55 अधिकारी पहुंचे थे

पिछले साल फरवरी में आयोजित पहली बीडीसी बैठक में नए जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की थी। लेकिन उस बैठक में वन विभाग को छोड़ अन्य महकमों के 55 अधिकारी शामिल हुए थे।

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