पुलिस अधिकारियों से जेलों का अतिरिक्त प्रभार न हटा तो दायर करेंगे अवमानना वाद

जेलों का अतिरिक्त प्रभार देने संबंधी आदेशों को हाईकोर्ट ने बीते दिनों निरस्त कर दिया है। आदेश हुए अब 11 दिन का समय बीत चुका है। इसके बाद भी पुलिस अधिकारियों से जेलों का अतिरिक्त प्रभार ना हटाए जाने को लेकर पीआईएल दाखिल करने वाले अधिवक्ता ने नाराजगी जताई है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:59 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:59 PM (IST)
पुलिस अधिकारियों से जेलों का अतिरिक्त प्रभार न हटा तो दायर करेंगे अवमानना वाद
फरवरी माह में शासन ने जेलों का अतिरिक्त प्रभार पुलिस विभाग के कुछ आईपीएस अधिकारियों को सौंप दिया था।

जागरण संवाददाता, काशीपुर : पुलिस विभाग के आईपीएस अधिकारियों को जेलों का अतिरिक्त प्रभार देने संबंधी आदेशों को हाईकोर्ट ने बीते दिनों निरस्त कर दिया है। आदेश हुए अब 11 दिन का समय बीत चुका है। इसके बाद भी पुलिस अधिकारियों से जेलों का अतिरिक्त प्रभार ना हटाए जाने को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करने वाले अधिवक्ता ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सचिव गृह, मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक कारागार को पत्र भेजकर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करने की मांग की है। अधिवक्ता ने कहा कि अगर अधिकारी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हैं तो वह मामले को लेकर दोबारा हाईकोर्ट में अवमानना का वाद दायर करेंगे। फरवरी माह में शासन ने जेलों का अतिरिक्त प्रभार पुलिस विभाग के कुछ आईपीएस अधिकारियों को सौंप दिया था।

इनको यहां दिया गया अतिरिक्त प्रभार

रामचंद्र राजगुरु को सेनानायक 46 वी वाहिनी पीएसी के साथ-साथ वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार सितारगंज का प्रभार दिया गया था। इसी तरह प्रहलाद नारायण मीणा को पुलिस अधीक्षक क्षेत्रीय हल्द्वानी के साथ उप कारागार हल्द्वानी का अधीक्षक बनाया गया था। नवनीत सिंह को सेनानायक एडीआरएफ के साथ-साथ वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार हरिद्वार, श्वेता चौबे को पुलिस अधीक्षक पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड के साथ-साथ वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार देहरादून, प्रदीप कुमार राय को अपर पुलिस अधीक्षक यातायात हरिद्वार के साथ अधीक्षक उप कारागार रुड़की का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। मामले को लेकर काशीपुर के अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश हाईकोर्ट ऑफ उत्तराखंड नैनीताल चले गये।

अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश ने बताया की हाईकोर्ट ने उनकी पीआईएल पर सुनवाई के बाद पुलिस अधिकारियों को जेलों का अतिरिक्त प्रभार देने संबंधी शासन के आदेशों को निरस्त कर दिया है। ऐसे में पुलिस विभाग के आईपीएस अन्य अधिकारियों से जिलों का प्रभार हटाया जाना था। 12 अप्रैल को हाईकोर्ट ने इस संबंध में आदेश दिया था और अब आदेश हुए 11 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है। इसके बाद भी अभी तक पुलिस विभाग के अधिकारियों से जेलों का अतिरिक्त प्रभार नहीं हटाया गया है। उन्होंने पत्र भेजकर अधिकारियों से हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने का अनुरोध किया है। अगर इसके बाद भी पुलिस विभाग के अधिकारियों से अतिरिक्त प्रभार वापस नहीं लिया जाता है तो वह मजबूरन हाईकोर्ट में अवमानना वाद दायर करेंगे।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी