नैनीताल में कोविड कर्फ्यू का लाभ उठाकर शिकारी नैना देवी बर्ड रिजर्व में कर सकते हैं शिकार

वन विभाग ने मुखबिर तंत्र की सूचना के बाद बर्ड रिजर्व क्षेत्र की नैना वन रेंज के साथ ही कोसी व मनोरा रेंज में गश्त बढ़ा दी है। कोविड पाबन्दियों के बीच अंदेशा है कि शिकारी मौके का फायदा उठा सकते हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 01:04 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 01:57 PM (IST)
नैनीताल में कोविड कर्फ्यू का लाभ उठाकर शिकारी नैना देवी बर्ड रिजर्व में कर सकते हैं शिकार
डीएफओ बिजुलाल टीआर का कहना है कि क्षेत्र में गश्त बढा दी गई है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। किलबरी पंगोठ क्षेत्र के 11 हजार से अधिक हेक्टेयर सघन वन क्षेत्र में फैले नैना देवी बर्ड रिजर्व में वन्यजीवों की जान खतरे में है। मुखबिर तंत्र की जानकारी के बाद वन विभाग ने गश्त बढ़ा दी है। साथ ही मुखबिर तंत्र को अलर्ट कर दिया है।

पिछले दिनों नैना देवी बर्ड रिजर्व में सराव के कच्चे व पके मांस के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वन विभाग की जांच में पता चला कि अवैध शिकार करने के बाद तस्कर रिसॉर्ट्स में मांस भेज रहे थे। मुखबिर ने सूचना दी है कि इलाके लंबे समय से वन्य जीवों का शिकार किया जा रहा है। इसमें स्थानीय शिकारी शामिल बताये जा रहे हैं।

नैना देवी बर्ड रिजर्व में गुलदार, भालू, सराव, जंगली मुर्गी, खरगोश, लैपर्ड कैट, काकड़, घुरड़, सांभर, जंगली बिल्ली पक्षियों में चीर फिजेंट,  क्लीज फिजेंट तथा अन्य प्रजातियां पाई जाती हैं। ओक प्रजाति के बांज, रियांज, खरसु, देवदार आदि के  पेड़ों के घने जंगल में शिकारी आसानी से शिकार कर लेते हैं। वन विभाग ने मुखबिर तंत्र की सूचना के बाद बर्ड रिजर्व क्षेत्र की नैना वन रेंज के साथ ही कोसी व मनोरा रेंज में गश्त बढ़ा दी है। कोविड पाबन्दियों के बीच अंदेशा है कि शिकारी मौके का फायदा उठा सकते हैं।

डीएफओ बिजुलाल टीआर का कहना है कि क्षेत्र में गश्त बढा दी गई है। पिछले दिनों सराव के मांस के साथ पकड़े गए लोगों के बाद तस्करों के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने क्षेत्र में किसी गिरोह के सक्रिय होने से इनकार नहीं किया। साथ ही जोड़ा कि जल्द अन्य भी पकड़े जाएंगे।

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