सुबह पांच बजे से आदमखोर की तलाश में जंगल छान रहे शिकारी और 16 वनकर्मी

घायल गुलदार को तलाशने के लिए वन विभाग के 16 कर्मचारी शिकारी विपिन चंद्र के साथ रानीबाग व आसपास के जंगल की खाक छानने में जुटे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 10:38 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 10:38 AM (IST)
सुबह पांच बजे से आदमखोर की तलाश में जंगल छान रहे शिकारी और 16 वनकर्मी
सुबह पांच बजे से आदमखोर की तलाश में जंगल छान रहे शिकारी और 16 वनकर्मी

हल्द्वानी, जेएनएन : घायल गुलदार को तलाशने के लिए वन विभाग के 16 कर्मचारी शिकारी विपिन चंद्र के साथ रानीबाग व आसपास के जंगल की खाक छानने में जुटे हैं। सुबह पांच बजे से रेस्क्यू अभियान शुरू हो गया था। मगर गुलदार का कोई सुराग नहीं लग सका। वहीं, रेंजर मनोरा बीएस मेहता का कहना है कि पूरी उम्मीद है कि आज शाम तक उसे ढूंढ लिया जाएगा।

काठगोदाम व रानीबाग इलाके में पिछले एक महीने से आतंक का पर्याय बन चुका गुलदार जब दो महिलाओं को मौत के घाट उतार गया तो वन विभाग ने उसे नरभक्षी घोषित कर दिया था। सोमवार शाम एचएमटी से सूर्याजाला की तरफ जाने वाली सड़क पर शिकारी विपिन चंद्र ने गुलदार पर निशाना लगाया था। गर्दन के नीचे गोली लगी भी लेकिन वो जंगल की तरफ भाग गया। रात में अंधेरे होने की वजह से गुलदार नजर नहीं आ सका।

हालांकि, जगह-जगह मिले खून के निशानों से वन विभाग आश्वश्त है कि गुलदार जिंदा नहीं बचा होगा। मगर जब तक बॉडी नहीं मिलती तब तक दहशत खत्म होना मुश्किल है। रेंजर मेहता के मुताबिक सुबह पांच बजे से खोजबीन शुरू हो गई थी। वहीं, इस बात का भी डर बना हुआ है कि अगर गुलदार कम घायल हुआ तो वह दोबारा आतंक मचा सकता है।

पिंजरे में बकरी लेकर घूम रहे

वन विभाग की टीम घायल गुलदार को ललचाने के लिए पिंजरे में बकरी लेकर भी घूम रही है। ऐसा इसलिए कि अगर वह भूखा है तो उसे खाने के लिए आ सकता है। जंगल में जगह बदल-बदल कर पिंजरे को रखा जा रहा है।

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