Switzerland of India Kausani : कौसानी में बिकने की कगार पर होटल, पांच करोड़ का कारोबार सात लाख तक सिमटा
Switzerland of India Kausani राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कौसानी को भारत के स्विटजरलैंड की उपाधि दी थी। कोरोना से होटल व्यवसाय पटरी से उतर गया है। होटल ऐसोसिएशन के अध्यक्ष बबलू नेगी ने बताया कि तीन होटल बिकाऊ हैं और दो वर्तमान में बंद हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : Switzerland of India Kausani : कोरोना की मार झेल रहा महात्मा गांधी के भारत का स्विटजरलैंड कौसानी में होटल बिकने को तैयार हैं। लगभग पांच करोड़ रुपये का कारोबार सात लाख में सिमट गया है। कोरोना के कारण तीन होटल बिकाऊ हो गए हैं और दो होटल बंद हैं। अलबत्ता होटल व्यवसाइयों में अभी भी आश बची है कि सितंबर तक फिर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी।
समुद्रतल से 1800 मीटर ऊंचाई के बीच चीड़, बाज के पेड़ो से घिरा कौसानी होटल व्यवसाय के लिए माना जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कौसानी को भारत का स्विटजरलैंड की उपाधि दी थी। लेकिन कोरोना से होटल व्यवसाय लगभग पटरी से उतरने लगा है। होटल ऐसोसिएशन के अध्यक्ष बबलू नेगी ने बताया कि तीन होटल बिकाऊ हैं और दो वर्तमान में बंद हैं। उन्होंने कहा कि गत 2020 मार्च से होटलों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। कौसानी में 42 होटल हैं और व्यापारियों ने बैंकों से लगभग दस करोड़ का ऋण लिया है। लेकिन बैंकों से उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है। बिजली विभाग ने गत मार्च 2021 में कनेक्शन काट दिए थे। लॉकडाउन के दौरान बिलों का भुगतान नहीं हो पाया था। वर्तमान में कनेक्शन जुड़ गए हैं। पानी के बिल भी माफ नहीं हो सके हैं। तीन से चार हजार रुपये के बिल जलसंस्थान दे रहा है।
होटल कर्मचारी भी परेशान
होटलों में काम करने वाले लगभग 300 कर्मचारी भी परेशान हैं। उन्हें गत वर्ष मार्च में लॉकडाउन के बाद छुट्टी कर दी गई। वर्तमान में एक होटल में दो या तीन कर्मचारी तैनात हैं। उन्हें भी आधे से कम वेतन मिल रहा है। एक कर्मचारी का वेतन पूर्व में आठ से दस हजार रुपये था। लेकिन वर्तमान में तीन से चार हजार रुपये हो गया है।
होटल व्यापारी बोले राहत दो
होटल व्यवसाई सतीश जोशी, विपिन उप्रेती, कृष्ण ङ्क्षसह मेहरा, पुष्कर कुमार, भानू नेगी, राजेश खर्कवाल, आरसी चौधरी आदि ने कहा कि उन्हें राहत की जरूरत है। होटल व्यवसाय कोरोना के बाद लगभग 80 फीसद कम हो गया है। प्रवासी भी लगतार घरों को लौट रहे हैं और वह फोन पर नौकरी मांग रहे हैं। लेकिन पर्यटक नहीं होने से दिक्कत बनी हुई है।
कौसानी होटलों का व्यापार
वर्ष पर्यटक आमदनी लगभग
2019 35 हजार पांच करोड़ रुपये
2020 100 10 लाख
2021 150 7 लाख
होटल ऐसोसिएशन अध्यक्ष कौसानी बबलू नेगी ने बताया कि सरकार से राहत और रियायत नहीं है। बिजली, पानी के बिल माफ नहीं किए जा रहे हैं। बैंकों का ब्याज भी कम नहीं हो सका है। होटल वर्कर को लॉकडाउन के दौरान सरकार ने एक बार एक-एक हजार रुपये मदद की। लेकिन पंजीकृत वर्कर को दूसरी बार यह रकम नहीं मिली।
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