ऊधमसिंह नगर की चार चोरियों का पर्दाफाश, छह लाख के जेवरात समेत पकड़ा हिस्ट्रीशीटर
पुलिस को सीसीटीवी से मिले सुराग के चलते सूचना मिली तो पुलिस टीम ने सोमवार सुबह गौरीकलां में दबिश देकर पीलीभीत के हिस्ट्रीशीटर स्यामल मंडल उर्फ समोल मंडल पुत्र उपेन मंडल निवासी भरतपुर थाना न्यूरिया जनपद पीलीभीत उत्तर प्रदेश को पकड़ लिया।
जागरण टीम, रुद्रपुर/किच्छा : रुद्रपुर, ट्रांजिट कैंप और किच्छा के महाराजपुर में हुई लाखों की चोरी का पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया है। पीलीभीत के हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार कर छह लाख रुपये कीमत के जेवरात समेत अन्य सामान बरामद किया। बदमाश को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
एसपी सिटी ममता बोहरा ने बताया कि 17 जुलाई की रात महाराजपुर में दर्शन लाल छाबड़ा के घर से बदमाशों ने लाखों का सामान चुरा लिया था। एसएचओ किच्छा चंद्रमोहन ङ्क्षसह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। सीसीटीवी से अहम सुराग मिले थे। सोमवार को पुलिस ने गौरीकलां में दबिश देकर पीलीभीत के हिस्ट्रीशीटर श्यामल मंडल उर्फ समोल मंडल पुत्र उपेन मंडल निवासी भरतपुर थाना न्यूरिया जनपद पीलीभीत उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया।
बताया कि उसने 20 मार्च को रुद्रपुर कोतवाली के हंस विहार फेस-1 निवासी मोहन चंद्र, पांच जून को किच्छा के महाराजपुर के साथ ही ट्रांजिट कैंप थानाक्षेत्र में सुखसागर विहार निवासी प्रेमपाल, 18 जुलाई को आनंद रेजीडेंसी वेलफेयर सोसायटी निवासी अजीत कुमार के घर से चोरी की। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर चोरी गए सोने के जेवरात के साथ ही चार एलईडी बरामद कर ली। पुलिस टीम में एसएचओ किच्छा चंद्रमोहन ङ्क्षसह, एसएसआइ राजेश पांडेय, दरऊ चौकी प्रभारी सुरेंद्र ङ्क्षसह कोरंगा, लालपुर चौकी प्रभारी पंकज कुमार, कलकत्ता फार्म चौकी प्रभारी कैलाश नगरकोटी, उप निरीक्षक सतेंद्र बुटोला, कांस्टेबल शंकर बिष्ट, बसंत पांडेय, दीपक बोरा, प्रवेश गुप्ता, शेखर बनकोटी, अर्जुन पाल, संतोष रावत शामिल थे।
मैच के शौक के चलते उड़ाए एलईडी
पुलिस के मुताबिक श्यामल मंडल क्रिकेट मैच देखने का शौकीन है। पूछताछ मेें उसने बताया कि इसी शौक के कारण जब भी वह किसी घर में चोरी करने जाता था, वहां पर दीवार पर एलईडी टंगा देख कर उसका मन बेचैन हो उठता। ऐसे में एलईडी चोरी कर लेता था। उसके पास से पुलिस ने चार एलईडी बरामद किए।
मुकदमों की पैरवी व प्रेमिका के खर्चे पड़े भारी
हिस्ट्रीशीटर श्यामल के पुराने कर्मों ने उसे सामान्य जीवन जीने नहीं दिया। पीलीभीत सहित किच्छा में दर्ज मुकदमों की पैरवी और प्रेमिका के खर्चों को पूरा करने की ललक ने उसे जरायम की दुनिया से बाहर नहीं निकलने दिया। श्यामल ने 16 वर्ष की आयु में न्यूरिया में दस हजार रुपयों की लूट की। इसके बाद उसने मुड़कर नहीं देखा। उसके खिलाफ न्यूरिया थाने में लूट, डकैती, हत्या का प्रयास समेत 12 मुकदमे दर्ज हैं। न्यूरिया पुलिस ने हिस्ट्रीशीट खोली तो उत्तराखंड का रुख कर लिया। किच्छा में 2012 में पेट्रोल पंप पर डकैती डाली।
श्यामल के खिलाफ किच्छा कोतवाली में ही हत्या का प्रयास समेत चार मुकदमे दर्ज हैं। किच्छा में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। चोरी के चार मुकदमे रुद्रपुर, किच्छा व ट्रांजिट कैंप में दर्ज हैं। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि मुकदमों की पैरवी के लिए उसके पास पैसा नहीं है। मजदूरी कर वह इतना पैसा नहीं कमा पाता था कि अपने मुकदमों की पैरवी कर सके। इसके साथ ही उसकी पत्नी के छोड़ कर चले जाने के बाद वह अन्य महिला के संपर्क में आ गया। उसके खर्चे भी अधिक होने के कारण उसे पूरा करने के लिए एक बार उसे जरायम का ही मार्ग नजर आया। ऐसे में चोरी करने लगा।
दोने बनाने की फैक्ट्री में करता था काम
श्यामल अपनी पहचान छिपाने के लिए दोने बनाने वाली फैक्ट्री में काम करने लगा था। इससे पहले उसने ट्रांजिट कैंप में भी काम किया था। इसी दौरान रेकी कर चोरी करने लगा। महाराजपुर में भी सुबह चोरी करने गया तो घर पर ताला लगा देखा। एक और चक्कर लगाया तो भी ताला नजर आने पर चोरी का मन बनाया। श्रमिक की तरह वेशभूषा होने के कारण कोई उस पर शक भी नहीं कर पाता था।