अल्मोड़ा में निकली रावण के कुल की ऐतिहासिक झांकी, अधर्म पर धर्म की जीत का मनाया उल्लास

रावण कुल के पुतलों का दहन किया गया। सभी ने सामाज में व्याप्त बुराइयों के खात्मे का संकल्प लिया। शुक्रवार को जिला मुख्यालय में देवी प्रतिमाओं की झांकी निकाली गई। सभी को इस दौरान प्रसाद वितरित किया गया।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 05:30 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 05:30 PM (IST)
अल्मोड़ा में निकली रावण के कुल की ऐतिहासिक झांकी, अधर्म पर धर्म की जीत का मनाया उल्लास
पूरे नगर क्षेत्र में रावण कुल के 15 पुतलों को घुमाया गया।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक विजयादशमी जिले में धूमधाम से मनाई गई। मौके पर रावण कुल के पुतलों का दहन किया गया। सभी ने सामाज में व्याप्त बुराइयों के खात्मे का संकल्प लिया। शुक्रवार को जिला मुख्यालय में देवी प्रतिमाओं की झांकी निकाली गई। सभी को इस दौरान प्रसाद वितरित किया गया। लोगों ने मां से सुख, समृद्धि ऐश्वर्य की कामना की मनौती मांगी। इसके बाद दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया गया। दोपहर बाद दशहरा समारोह मनाया गया। इसका उद्घाटन विजय जोशी टैक्सी स्टैंड, एलआर साह रोड से किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रंगकर्मी दिवान सिंह कनवाल, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, जिपंअ उमा बिष्ट, नगरपालिा अध्यक्ष प्रकाश जोशी, कैलाश शर्मा, मनोज तिवारी, शोभा जोशी, डीएम वंदना आदि थे। 

इसके बाद पूरे नगर क्षेत्र में रावण कुल के 15 पुतलों को घुमाया गया। प्रमुख पुतले रावण, अक्षय कुमार, कोलकेतु, कुंड, विरत, धुम्राक्ष, दुषण, कालकासुर, ज्वालासुर, अतिकाय, मारिच, ताड़िका, खर, देवांतुक, मायासु थे। यह पुतले मुख्यालय के विभिन्न मोहल्लों में बनाए गए थे। कोविड गाइड लाइन के कारण इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नही किया गया था। इस अवसर पर अजीत सिंह कार्की, दर्शन रावत, संजय अग्रवाल, दीपक साह, मनोज सनवाल, वैभव पांडे, किशन लाल, राजेंद्र तिवारी सहित हजारों लोग इस पल के गवाह बने।

सेल्फी के साथ इंटरनेट मीडिया लाइव

मोबाइल क्रांति के बाद सेल्फी का काफी चलन चल गया है। लोगों ने रावण कुल के पुतलों के साथ सेल्फी ली। इसके साथ ही कई लोगों ने इस पूरे कार्यक्रम में इंटरनेट मीडिया में लाइव भी दिखाया। अल्मोड़ा की विजयादशमी का पर्व पूरे देश में विशिष्ट स्थान रखता है। मैसूर, कुल्लू मनाली के बाद तीसरे नंबर पर अल्मोड़ा का दशहरा महोत्सव माना जाता है।

देशी-विदेशी बने साक्षी

विश्वप्रसिद्ध दशहरे का गवाह स्थानीय ही नही बल्कि देशी-विदेशी सैलानी भी बने। जुलूस और पुतला दहन के दौरान दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, कोलकाता, यूके आदि जगहों से आए देशी-विदेशी सैलानी भी दिखाई दिए। वह भी इस पल को कैमरे में कैद करने से नही चूके।

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