Hindu News Year 2021 : शुभ ग्रहों के प्रभाव से अच्छे परिणाम दिलाएगा नया साल
Hindu News Year 2021 भारतीय नव संवत्सर मंगलवार को शुरू होगा। राक्षस नाम संवत्सर के राजा व मंत्री दोनों मंगल होंगे। मंगल का शासन अराजकता दुर्मति प्राकृतिक आपदा रोग कलह बढ़ाएगा। हालांकि शुभ ग्रहों का वर्चस्व अच्छे परिणाम भी दिलाएगा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Hindu News Year 2021 : भारतीय नव संवत्सर मंगलवार को शुरू होगा। राक्षस नाम संवत्सर के राजा व मंत्री दोनों मंगल होंगे। मंगल का शासन अराजकता, दुर्मति, प्राकृतिक आपदा, रोग, कलह बढ़ाएगा। हालांकि शुभ ग्रहों का वर्चस्व अच्छे परिणाम भी दिलाएगा। मंगल के मंत्री होने से कड़े कानून व अच्छी योजनाएं बनेंगी।
श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक, रेवती नक्षत्र में नए साल का प्रारंभ होगा। साल के पूर्वाद्र्ध में रोगों में वृद्धि रहेगी। 15 जून के बाद कोरोना के प्रभाव में कमी आएगी। वर्ष लग्न में काल सर्प योग आॢथक मंदी व जलीय आपदा ला सकता है। कुंभ राशि का बृहस्पति व मकर राशि का शनि राजनैतिक परिवर्तन कराएगा। अन्न, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिहाज से वर्ष सामान्य रहेगा।
राशि अनुसार फलादेश
मेष: शिक्षा, व्यवसाय में उन्नति। मांगलिक कार्यों में धन व्यय होगा।
वृष: पदोन्नति, राजनैतिक पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा।
मिथुन: पारिवारिक परेशानी, नौकरी में बदलाव संभव। भूमि संबंधी लाभ।
कर्क: संतान सुख, पदोन्नति की संभावना। धाॢमक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
सिंह: वर्ष लाभप्रद। वाहन सुख मिलेगा। तनाव, अकारण विवाद से बचें।
कन्या: पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि। रुके काम बनेंगे। विरोधियों से सतर्क रहें।
तुला: संघर्ष रहेगा। आॢथक उन्नति। पारिवारिक उलझन, विवाद से बचें।
वृश्चिक: प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। मांगलिक कार्य, राजनैतिक लाभ संभव।
धनु: स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। व्यापार सामान्य रहेगा। संघर्ष अधिक रहेगा।
मकर: तनाव, पारिवारिक कलह संभव। अक्टूबर से समय शुभ रहेगा।
कुंभ : कार्यों में रुकावट आएगी। व्यर्थ व्यय, क्रोध, विवाद आदि से बचें।
मीन: पदोन्नति, व्यापार में लाभ। रुके काम पूर्ण होंगे। विरोधी परास्त होंगे।
दोष निवारण के उपाय
ग्रह, नक्षत्र आदि की स्थिति से राशिफल तय होता है। वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डा. गोपाल दत्त त्रिपाठी का कहना है कि अशुभ फलों की न्यूनता के लिए राहु, केतु, शनि जपदान, शिवार्चन व हनुमान जी की आराधना करना श्रेष्ठकर है।
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