काकड़ीघाट से क्वारब तक हाईवे टू लाइन का कार्य शुरू, 45.45 करोड़ रुपये से चमकेगा हाईवे
ल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के टू लेन हो जाने के बाद अब काकडी़घाट से क्वारब तक हाईवे को टू लेन किए जाने का कार्य शुरु हो गया है। चौड़ीकरण के बाद हाईवे नए लुक में नजर आएगा। चौड़ीकरण का कार्य बकायदा विभागीय अधिकारियों की निगरानी में होगा।
संवाद सहयोगी, गरमपानी : खैरना से काकड़ीघाट तक अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के टू लेन हो जाने के बाद अब काकडी़घाट से क्वारब तक हाईवे को टू लेन किए जाने का कार्य शुरु हो गया है। चौड़ीकरण के बाद हाईवे नए लुक में नजर आएगा। चौड़ीकरण का कार्य बकायदा विभागीय अधिकारियों की निगरानी में होगा।
काकडी़घाट से क्वारब तक हाईवे अब नए लुक में नजर आएगा। हाईवे 45.45 करोड रुपये की लागत से टूलेन के जाने का कार्य शनिवार को शुरू कर दिया गया है। सुरक्षित यातायात को ध्यान में रखकर क्रश बैरियर के साथ ही मजबूत पैराफिटो का निर्माण भी किया जाएगा। हाईवे को नुकसान ना हो इसके लिए मजबूत कलमठ तैयार करने का कार्य भी शुर कर दिया गया है। दस किलोमीटर चौड़ीकरण के दौरान विभागीय अधिकारियों की टीम लगातार मॉनिटरिंग भी करेगी। यातायात प्रभावित ना हो इसके लिए भी कार्यदाई संस्था मौके पर कुछ लोगों की तैनाती करेगी।खास बात यह है कि इस बार रोड कटिंग का मलवा कोसी नदी में जाने से रोकने के लिए संबंधित विभाग विशेष वायरक्रैट (पत्थरों का जाल) का निर्माण कराऐगा। ऐसे स्थानों को भी चिन्हित किया जाऐगा जहां से भूस्खलन का मलवा कोसी नदी में जाता है वहां पर भी मजबूत वायरक्रैट निर्माण किया जाएगा।
अस्तित्व में आएंगे चार नए सेतु
काकडी़घाट से क्वारब तक चार नए सेतू भी अस्तित्व में आ जाएंगे। दो 36 - 36 मीटर जबकि अन्य दो सेतु 12 - 12 मीटर के बनाए जाएंगे। एनएच के अधिकारियों के अनुसार क्वारब, नैनीपुल, खीनापानी, सुयालबाड़ी के समीप नए सेतु का निर्माण होगा। हाईवे पर दस किलोमीटर दायरे में कई तीखे मोड़ भी समाप्त हो जाएंगे। तीखे मोड़ होने से दुर्घटना कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। निर्माण के दौरान तीव्र मोड़ को विशेष प्रकार की कटिंग कर समाप्त किया जाएगा।
एनएच के सहायक अभियंता एलएम तिवारी ने बताया कि ककड़ीघाट से क्वारब अब तक हाईवे को टूलेन किए जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। विभागीय कर्मचारियों की निगरानी में ही कार्य किए जाएंगे। चार नए पुल भी बनेगें। नदी पर मलवा ना जाए इसके लिए विशेष प्रकार के वायरक्रैट निर्माण किए जाएंगे।
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