राज्य की जेलों में सुधार को लेकर हाईकोई गंभीर, आइजी जेल को नोटिस

कैदियों के अधिकार को मानवाधिकार की संज्ञा देते हुए कोर्ट ने पूछा है कि उत्तराखंड में कैदियों की क्या स्थिति है कितने जेलों में कैदियों की संख्या क्षमता से ज्यादा हैं जेल के पास कितना स्टाफ है। कैदियों के लिए ऐसी कौन सी योजना चलाई जा रही है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 08:13 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 08:13 PM (IST)
राज्य की जेलों में सुधार को लेकर हाईकोई गंभीर, आइजी जेल को नोटिस
मामले को सुनने के बाद आइजी जेल को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने राज्य की जेलों की व्यवस्था में सुधार को लेकर आइजी जेल को नोटिस जारी कर 23 मार्च से पहले जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कैदियों के अधिकार को मानवाधिकार की संज्ञा देते हुए कोर्ट ने पूछा है कि उत्तराखंड में कैदियों की क्या स्थिति है, कितने जेलों में कैदियों की संख्या क्षमता से ज्यादा हैं, जेल के पास कितना स्टाफ  है। कोर्ट ने ये भी पूछा है कि सजा पूरी कर चुके कैदियों के लिए ऐसी कौन सी योजना चलाई जा रही है, जिससे वह जेल से बाहर आकर समाज में बेहतर तरीके से जीवन यापन कर सकें। कोर्ट ने ये भी पूछा है जेलों में सुधार के लिए कितने बजट की जरूरत है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।

 हाई कोर्ट राज्य की जेलों में सजा पूरी कर चुके कैदियों को रिहा करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है, लेकिन अब कोर्ट ने इस याचिका का दायरा बढ़ा दिया है। याची संतोष उपाध्याय ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि राज्य की जेलों में कैदियों की संख्या क्षमता से ज्यादा है, लिहाजा जिन कैदियों की सजा पूरी हो गई है और जिनका व्यवहार अच्छा है, उनको रिहा किया जाए। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद आइजी जेल को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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