जेलों में सुविधाओं के मामले में हाईकोर्ट ने उत्‍तराखंड सरकार को लगाई फटकार

प्रदेश की जेलों में सीसीटीवी कैमरे व अन्य सुविधाओं को लेकर दायर संतोष उपाध्याय व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अगली तिथि 10 नवंबर को गृह सचिव व जेल महानिदेशक को वीसी के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से तलब कर लिया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 09:38 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 09:38 AM (IST)
जेलों में सुविधाओं के मामले में हाईकोर्ट ने उत्‍तराखंड सरकार को लगाई फटकार
जेलों में सुविधाओं के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार

जागरण संवाददाता, नैनीताल : उच्च न्यायालय ने प्रदेश की जेलों में सीसीटीवी कैमरे व अन्य सुविधाओं को लेकर दायर संतोष उपाध्याय व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही अगली तिथि 10 नवंबर को गृह सचिव व जेल महानिदेशक को वीसी के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से तलब कर लिया।

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पूछा कि पूर्व में दिए आदेश का पालन हुआ या नहीं। इस पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक उत्तर नहीं दिया गया। इसपर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि उत्तराखंड को बने 21 साल हो गए हैं, सर्वोच्च न्यायालय ने 2015 में राज्य सरकारों को जेलों के सुधारीकरण के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया था।

लेकिन सरकार ने उसका पालन अभी तक नहीं किया। कोर्ट ने चम्पावत का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जिला जेल में छह महिला कैदी अभी अंडर ट्रायल हैं। वह जिस कमरे में रखी गई हैं, वह कमरा 10 गुणा 10 फीट का है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या यह कमरा छह लोगों के रहने के लिए पर्याप्त है। क्या यह मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है। इसपर सरकार की ओर से ठोस जवाब नहीं मिला।

पूर्व में कोर्ट ने जेल महानिदेशक से पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कितना पालन किया गया। राज्य की जेलों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, बंदियों को क्या शिक्षा व स्वरोजगार दिया जा रहा है, जेल मैनुअल में संशोधन किया गया है या नहीं, जेलों की क्षमता कितनी है। इसके जवाब में शपथ पत्र पेश कर बताया था कि पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार व सब जेल हल्द्वानी में जबकि दूसरे चरण में राज्य की सभी जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है।

कैदियों के स्वरोजगार के लिए कौशल विकास योजना का सहयोग लिया जा रहा है। जीवन सुधार के लिए आर्ट आफ लिविंग का सहारा लिया जा रहा है। कैदियों की आवासीय व्यवस्था के लिए टेंडर निकाला गया है। पिथौरागढ़, चम्पावत व ऊधम सिंह नगर में नई जेल बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है।

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