प्रधान व उसके पति को पंचायत के बजट में घपला करने के मामले का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया
हाईकोर्ट ने हरिद्वार के राम बढ़ेढ़ी गांव में प्रधान और उनके पति द्वारा सरकार से आवंटित बजट खर्च में भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई की।
नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने हरिद्वार के राम बढ़ेढ़ी गांव में प्रधान और उनके पति द्वारा सरकार से आवंटित बजट खर्च में भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने मामले में एसएसपी, डीएम हरिद्वार, गृह सचिव को स्वतः संज्ञान लेकर पक्षकार बना दिया है। साथ ही पूछा कि अब तक पंचायत राज एक्ट के प्रधान की वित्तीय शक्तियों को सीज क्यों नहीं किया गया। अगली सुनव दो दिसंबर नियत की है।
हरिद्वार निवासी मांगेराम सैनी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि हरिद्वार स्थित बढेढ़ी राजपूताना जिसके अंतर्गत तीन गांव आते हैं वहां की प्रधान और उनके पति और गांव के पंचायत सदस्य द्वारा सरकार से आवंटित पैसों के खर्च में बड़ा घोटाला सामने आया है। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने सबसे पहले 2018 में प्रधान और प्रधान पति के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई थी। जिसमें आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ। याचिकाकर्ता ने जिलाधिकारी को भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रत्यावेदन दिया और बताया कि हर व्यक्ति इससे प्रभावित हैं। जिलाधिकारी हरिद्वार ने एसएसपी हरिद्वार से किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से मामले की जांच करने के लिए कहा। जिसके बाद ममता बोरा ने सारे अभिलेखों का परीक्षण कर पाया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालयों में भारी अनियमितताए पाई गई और गांव के कब्रिस्तान की दीवार की मरम्मत में भी निम्न स्तर का माल लगाया गया है। इसके साथ ग्राम प्रधान द्वारा चोरी से गांव की बिजली की लाइन से बिना अनुमति के कनेक्शन लिया गया। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा खंडपीठ में हुई।
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