राजनीतिक दुर्भावना से दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट सख्त, लगाया 50-50 हजार का जुर्माना

खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं से यह जुर्माना राशि दो सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में जमा करने को कहा है जुर्माना जमा नहीं करने पर जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिए है कि विधि अनुसार उनकी सम्पति से वसूल करें।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 04:54 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 04:54 PM (IST)
राजनीतिक दुर्भावना से दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट सख्त, लगाया 50-50 हजार का जुर्माना
कोर्ट ने दोनों की जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाईकोर्ट ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर दायर की गई दो अलग अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दोनों याचिकाकर्ताओं पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया है।

 मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं से यह जुर्माना राशि दो सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में जमा करने को कहा है, जुर्माना जमा नहीं करने पर जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिए है कि विधि अनुसार उनकी सम्पति से वसूल करें। कोर्ट ने दोनों की जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया।

पहले मामले में देहरादून निवासी उमेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि खानपुर हरिद्वार के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन उनके पुत्र व पत्नी अपने काफिले में हूटर व लाल बत्ती लगा के मंगलोर, खानपुर, रुड़की सहित कई स्थानों में जाते है, जिससे कि इस क्षेत्र में भय का माहौल बना रहता है। हूटर बजाने से स्कूल, घरों, हस्पिटलो का माहौल खराब हो रहा है। इस पर रोक लगाई जाए। पूर्व में भी कोर्ट ने इस तरह के सायरन आदि बजाने पर रोक लगाई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह जनहित याचिका राजनैतिक दुर्भावनाओं से प्रेरित होकर दायर की गई है। विधायक 2017 से है। पहले जनहित याचिका दायर क्यों नही की गई। 

दूसरी जनहित याचिका रुड़की निवासी संजीव कुमार द्वारा महापौर गौरव गोयल के  खिलाफ दायर की गई है। जिसमें कहा गया कि महापौर ने वित्तीय अनियमितताएं की गई है। उनके द्वारा जितने भी निर्माण कार्य किए गए है, उनमें उनके द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है। लिहाजा इसकी जांच कराई जाए और उनके वित्तीय पावर सीज किये जाएं। इस जनहित याचिका को भी कोर्ट ने राजनैतिक दुर्भावना से प्रेरित मानते हुए खारिज कर दिया।

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