प्लाज्मा बैंक बनाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाई कोर्ट में प्लाज्मा बैंक बनाने को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए सरकार की एक सप्ताह में प्लाज्मा बैंक पर जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली कोर्ट 20 मई को होगी।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। कोरोना मरीजों को प्लाज्मा के लिए सबसे बड़ी परेशानियां उठानी पड़ रही है। अब हाई कोर्ट में प्लाज्मा बैंक बनाने को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए सरकार की एक सप्ताह में प्लाज्मा बैंक पर जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली कोर्ट 20 मई को होगी।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हल्द्वानी निवासी दीपक बल्युटिया की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें अलग अलग स्थानों पर 4 से 6 प्लाज्मा बैंक बनाने की मांग की है। याचिका में हल्द्वानी में वैक्सीनेशन एमबीपीजी कालेज के अलावा अन्य सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि सरकार आईटीबीपी, एसएसबी, सीआरपीएफ समेत अन्य पैरा मिलिट्री के पैरामेडिकल स्टाफ की मदद ले। याचिका में आईसीयू बैड, ऑक्सीजन बैड, आईसीयू बढ़ाने की मांग की गई है।
क्या है प्लाज्मा
हमारे शरीर में मौजूद रक्त में रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स व पीला तरल भाग मौजूद होता है। ब्लड में मौजूद पीले तरल भाग को ही प्लाज्मा कहा जाता है, जिसका 92 फीसद हिस्सा पानी होता है। शेष आठ फीसद में प्रोटीन, ग्लूकोज मिनरल, हार्मोंस, कार्बन डाई ऑक्साइड होता है। कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से प्लाज्मा निकालकर संक्रमित व्यक्ति की बॉडी में इंजेक्ट किया जाता है। इसे प्लाज्मा थेरेपी कहा जाता है।
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