कुंडा थाने में दर्ज जबरन वसूली के केस को हाई कोर्ट ने किया निरस्त
केसरीपुर गांव के निवासी जोगा सिंह ने शराब पीकर उसकी गाड़ी को रोक लिया और गाली-गलौज करने लगा। आरोपित जोगा सिंह ने अपनी मोटरसाइकिल को तोड़कर उसके डंपर के नीचे डाल दिया और रास्ता बंद कर जान से मारने की धमकी देने लगा।
जागरण संवाददाता, काशीपुर : कुडा थाने में दर्ज जवरन वसूली के केस को हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने यह आदेश दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के आधार पर दिया है। कुंडा थाना क्षेत्र के गांव खेड़ा लक्ष्मीपुर निवासी तस्लीम अहमद ने 19 अप्रैल को कुंडा थाने में एफआइआर दर्ज करवाई थी। जिसमें कहा गया था कि उसकी गाड़ी पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड बकसौर में चलती है।
केसरीपुर गांव के निवासी जोगा सिंह ने शराब पीकर उसकी गाड़ी को रोक लिया और गाली-गलौज करने लगा। आरोपित जोगा सिंह ने अपनी मोटरसाइकिल को तोड़कर उसके डंपर के नीचे डाल दिया और रास्ता बंद कर जान से मारने की धमकी देने लगा। आरोप था कि जोगा सिंह ने कहा कि अगर गाड़ी चलानी है तो पैसा देना होगा वरना आगे से गाड़ी नहीं चलाने दी जाएगी।
कुंडा थाना पुलिस ने धारा 341 गलत तरीके से रोकना, धारा 384 जबरदस्ती वसूली करना, धारा 504 गाली-गलौज करना और धारा 506 धमकाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस मामले की जांच कर रही थी कि इसी बीच जोगा सिंह ने हाई कोर्ट नैनीताल में अपने अधिवक्ता अभिषेक वर्मा के माध्यम से याचिका दायर की। अधिवक्ता अभिषेक वर्मा ने कोर्ट को बताया कि जोगा सिंह और वादी तस्लीम के बीच समझौता हो चुका है। ऐसे में एफआइआर को क्विश कर देना उचित होगा। कोर्ट ने अधिवक्ता की बात से सहमत होते हुए काशीपुर के कुंडा थाने में दर्ज एफआइआर संख्या 61/2021 को निरस्त कर दिया है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें