हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा बलियानाले में भूस्खलन को लेकर क्या कार्रवाई की, विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा

कहा है कि नैनीताल का बलियानाले में बरसात के समय भारी भूस्खलन हो रहा है। इससे कि उसके आसपास रहने वाले लोग प्रभावित हो रहे है। भूस्खलन होने के कारण प्रशासन ने कुछ परिवारों को शिफ्ट भी किया है लेकिन आज तक इसका कोई ठोस ट्रीटमेंट नही किया गया।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 04:49 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 04:49 PM (IST)
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा बलियानाले में भूस्खलन को लेकर क्या कार्रवाई की, विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा
भूस्खलन को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय किया जाए, ताकि क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोका जा सके।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाईकोर्ट ने नैनीताल के बलियानाले में हो रहे भूस्खलन पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद राज्य सरकार से पूछा है कि 2018 में हाई कोर्ट के निर्देशों पर बनायी गई हाईपावर कमेटी द्वारा दिए गए सुझावों पर अब तक क्या कारवाई की। इसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में याचिकाकर्ता नैनीताल हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम मून के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि नैनीताल का बलियानाले में  बरसात के समय भारी भूस्खलन हो रहा है। इससे कि उसके आसपास रहने वाले लोग प्रभावित हो रहे है। भूस्खलन होने के कारण प्रशासन ने कुछ परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट भी किया है लेकिन सरकार की लापरवाही के चलते आज तक इसका कोई ठोस ट्रीटमेंट नही किया गया जबकि करोड़ो रुपये इस पर खर्च किया गया । 

2018 में कोर्ट के आदेश पर इसके समाधान हेतु एक हाईपावर कमेटी भी गठित की गई थी लेकिन उसके द्वारा दिये गए सुझाव पर आज तक प्रशासन ने कोई ध्यान नही दिया।  नैनीताल निवासी अधिवक्ता सैय्यद नदीम मून ने 2018 में उच्च न्यायालय में जनहित दायर कर कहा था कि नैनीताल के आधार कहे जाने वाले बलियानाले में हो रहे भूस्खलन से नैनीताल व इसके आसपास रहे लोगों को बड़ा खतरा हो सकता है। नैनीताल के अस्तित्व और लोगों को बचाने के लिए इसमे हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय किया जाए, ताकि क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोका जा सके।

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