वजन बढऩे से भी हर्निया का खतरा, ऑपरेशन ही है स्थायी उपाय nainitsl news

हर्निया होने पर लोग इधर-उधर भटकने लगते हैं। दर्द निवारक से लेकर कई तरह की दवाइयां लेने लगते हैं लेकिन कई बार इस तरह के इलाज से बीमारी गंभीर हो जाती है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 11:26 AM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 11:26 AM (IST)
वजन बढऩे से भी हर्निया का खतरा, ऑपरेशन ही है स्थायी उपाय nainitsl news
वजन बढऩे से भी हर्निया का खतरा, ऑपरेशन ही है स्थायी उपाय nainitsl news

हल्द्वानी, जेएनएन : हर्निया होने पर लोग इधर-उधर भटकने लगते हैं। दर्द निवारक से लेकर कई तरह की दवाइयां लेने लगते हैं, लेकिन कई बार इस तरह के इलाज से बीमारी गंभीर हो जाती है। ऐसे में राजकीय मेडिकल कॉलेज के एसटीएच में सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भुवन कहते हैं कि हर्निया का स्थायी इलाज ऑपरेशन ही है। इसलिए समय पर उपचार करा लेने से व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकता है। रविवार को उन्होंने दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में कुमाऊं भर के सुधी पाठकों को परामर्श दिया।

दो तरह की बीमारी कॉमन

डॉ. भुवन कहते है, हर्निया की बीमारी दो प्रकार की होती है, एक कंजेनाईटल, जो जन्म से ही होती है। दूसरी तरह की हर्निया कभी भी हो सकता है। इसमें आंत व अन्य हिस्सों में खिंचाव बढ़ता है। ऑपरेशन या किसी अन्य वजह से भी बीमारी का खतरा रहता है।

ऐसे होने लगती है बीमारी

लंबे समय से खांसी से ग्रसित होना। चोट या सर्जरी की वजह से घाव। गर्भावस्था के दौरान पेट में दबाव पडऩे से। अचानक वजन में वृद्धि होने से।

ये है लक्षण शरीर का कमजोर होना। पेट व पैर के बीच सूजन आना। उलटी आना। पेट से गले तक खट्टापन। मांसपेशियों में खिंचाव आना।

ऐसे करें बचाव

वजन नियंत्रित रखें। स्वस्थ आहार का सेवन करें और कब्ज से बचने के लिए नियमित व्यायाम करें। मल त्याग और पेशाब के दौरान ज्यादा जोर न लगाएं। बार-बार आने वाली खांसी से बचें। धूमपान से दूर रहें।

यह भी पढ़ें : 102 वर्ष की आयु में वीर चक्र विजेता बुद्ध सिंह का निधन, 1958 में हो गए थे रिटायर्ड

यह भी पढ़ें : पढ़ लिखकर कॅरियर बनाने का सपना देखने वाली विवाहिता ने फांसी लगाकर की खुदकुशी

chat bot
आपका साथी