पिंडर घाटी में जमकर हुआ हिमपात, चोटियां लकदक, पुनर्जीवित हो उठे पेयजल स्रोत

शनिवार की सुबह मौसम खुला लेकिन फिर आसमान में बाछल छाने लगे। कपकोट क्षेत्र मे ओलावृष्टि के कारण तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जिसके कारण पिंडर जांतोली समडर कफनी सुंदरढूंगा घाटी की चोटियों में जमकर हिमपात हुआ है। जिसके कारण क्षेत्र में शीतलहर दौड़ गई है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 05:35 PM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 05:35 PM (IST)
पिंडर घाटी में जमकर हुआ हिमपात, चोटियां लकदक, पुनर्जीवित हो उठे पेयजल स्रोत
खेती के अलावा पेयजल स्रोतों में नई जान आ गई है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : शनिवार को सुबह मौसम साफ हुआ और धूप खिली। लेकिन दोपहर बाद फिर आसमान में बादल छा गए और बारिश के आसार बने हुए हैं। वहीं, गत शुक्रवार की रातभर जिले के सभी स्थानों पर जमकर बारिश हुई और पिंडर घाटी में हिमपात होने से चोटियां लकदक हो गई हैं। मौसम की मार सबसे अधिक किसानों पर पड़ी है। तापमान में भी एकाएक गिरावट आ गई है।

जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। शुक्रवार की शाम से रातभर बारिश हुई। शनिवार की सुबह मौसम खुला लेकिन फिर आसमान में बाछल छाने लगे। वहीं, कपकोट क्षेत्र मे ओलावृष्टि के कारण तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जिसके कारण पिंडर, जांतोली, समडर, कफनी, सुंदरढूंगा घाटी की चोटियों में जमकर हिमपात हुआ है। जिसके कारण क्षेत्र में शीतलहर दौड़ गई है। जांतोली गांव निवासी महिपाल सिंह, दीपक सिंह, दिनेश सिंह, रुद्र सिंह, मालती देवी आदि ने बताया कि अप्रैल माह में बर्फबारी लगभग सात वर्ष बाद हो रही है। उन्होंने कहा कि मार्च तक हिमपात होने के आसार बने रहते हैं। लेकिन इस बार अप्रैल में अच्छा हिमपात हुआ है।

हिमालयी क्षेत्र के लिए यह काफी लाभदायक है। खेती के अलावा पेयजल स्रोतों में नई जान आ गई है। वहीं, निचले इलाकों में रबी की फसल समेट रहे किसान परेशान हैं। उनके खेतों में कटे गेहूं, जौ, मसूर आदि भीग गया है। किसान दीवान सिंह, पान सिंह, जशोद सिंह, मनोज कुमार, कमला देवी ने कहा कि पहले सूखे की मार पड़ी और बची फसल को बारिश ने भारी नुकसान पहुंचा दिया है।

सड़कें बनी मिट्टी से लथपथ

बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग बेहद खराब हो गए हैं। अधिकतर सड़कों में पानी भर गया है। भूस्खलन होने से सड़कें जानलेवा बन गई हैं। जिला मुख्यालय के मेहनरबूगां, पुलिस लाइन मालता को जोड़ने वाली सड़क मिट्टी और पानी के कारण लथपथ बन गई है। पूर्व प्रधान रमेश राज ने सड़क पर डामरीकरण कराने की मांग की है।

जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल बारिश और बर्फबारी आदि के कारण किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं है। बिजली, पानी, सड़क आदि व्यवस्थाएं सुचारू हैं। मौसम विभाग के अनुसार 25 अप्रैल को मौसम शुष्क रहेगा।

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