स्टिंग मामले में निचली अदालत करेगी सुनवाई, नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट पर भी रोक

हाई कोर्ट ने स्टिंग मामले में जेल में बंद न्यूज चैनल के सीईओ उमेश कुमार की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 06:19 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 08:27 AM (IST)
स्टिंग मामले में निचली अदालत करेगी सुनवाई, नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट पर भी रोक
स्टिंग मामले में निचली अदालत करेगी सुनवाई, नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट पर भी रोक

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने स्टिंग मामले में जेल में बंद न्यूज चैनल के सीईओ उमेश कुमार की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मामले में विपक्षी मुख्यमंत्री के भाई विरेंद्र सिंह रावत व दोस्त संजय गुप्ता तथा विवेचक को नोटिस जारी किया है। साथ ही उमेश के नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट पर रोक लगा दी है। कोर्ट के रुख के बाद सरकार ने नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट करने की अनुमति प्रदान करने संबंधी याचिका को वापस ले लिया है।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ में न्यूज चैनल के सीईओ उमेश की अर्जी पर सुनवाई हुई। जिसमें जमानत तथा प्राथमिकी निरस्त करने के साथ ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट पर रोक लगाने की प्रार्थना की गई थी। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद देहरादून की निचली कोर्ट को शुक्रवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई करने, सरकार को बहस पूरी करने, सुनवाई के दौरान अगली तारीख ना मांगने के निर्देश दिए। साथ ही मामले में विपक्षी सीएम के भाई विरेंद्र रावत, दोस्त संजय गुप्ता तथा विवेचक को नोटिस जारी किया है।

सरकार ने उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन होने की वजह से नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट की अनुमति संबंधी अर्जी को वापस ले लिया। कोर्ट के आदेश से इस मामले में सरकार को झटका लगा है। यहां बता दें कि इस मामले में हाई कोर्ट अब तक आरोपितों राहुल भाटिया, प्रवीण साहनी, सौरभ साहनी, मृत्युंजय मिश्रा की गिरफ्तारी पर रोक लगा चुकी है।

चैनल के ही आयुष ने दी थी तहरीर

दस अगस्त को चैनल के ही आयुष गौड़ की ओर से देहरादून के राजपुर थाने में उमेश व अन्य के खिलाफ तहरीर सौंपी थी। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धारा-386, 388 व 120 बी के तहत अभियोग पंजीकृत किया था। वादी के अनुसार वह खबरिया चैनल का एडिटर इन्वेस्टिगेशन के पद पर था।

जानिए क्‍या है पूरा मामला

उत्तराखंड के वरिष्ठ नौकरशाहों और नेताओं का स्टिंग करने की साजिश को बेनकाब करते हुए पुलिस ने पिछले दिनों समाचार प्‍लस चैनल के मालिक उमेश जे कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीम ने आरोपित के गाजियाबाद(उप्र) के इंदिरापुरम स्थित आवास में कार्रवाई की थी । जहां से पुलिस ने 39 लाख रुपये नगदी के साथ ही विदेशी मुद्रा और स्टिंग के उपकरण भी बरामद किए । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इस सिलसिले में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के निलंबित कुल सचिव मृत्युंजय मिश्रा और चैनल के तीन कर्मचारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है। गिरफ्तार आरोपित ने वर्ष 2016 में उत्तराखंड में तत्कालीन सीएम हरीश रावत का स्टिंग कर राजनीतिक हलचल मचा दी थी।

यह भी पढ़ें : स्टिंग साजिश मामले में उमेश के नार्को टेस्ट को अदालत में अर्जी

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने स्टिंग मामले में दो और आरोपित की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

chat bot
आपका साथी