उत्‍तराखंड में स्कूल खोलने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई आज

कोविड काल मे उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों को खोलने के सरकार के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हो चुकी है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस मामले पर सुनवाई आज करेगी। जिसको लेकर अभिभावकों शिक्षकों व सरकार की निगाह लगी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:47 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:47 AM (IST)
उत्‍तराखंड में स्कूल खोलने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई आज
उत्‍तराखंड में स्कूल खोलने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई आज

नैनीताल, जागरण संवाददाता : कोविड काल मे उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों को खोलने के सरकार के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हो चुकी है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस मामले पर सुनवाई आज करेगी। जिसको लेकर अभिभावकों, शिक्षकों व सरकार की निगाह लगी है। राज्य में आज से सरकारी विद्यालय महिमा बाद खुल रहे हैं। कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच खुल रहे स्कूलों को लेकर तमाम अभिभावक आशंकित हैं। अब जनहित याचिका के माध्यम से यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा है।

याचिका में कहा गया है कि सरकार के स्कूल खोलने के निर्णय से बच्चों का जीवन खतरे में पड़ जायेगा। पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है। यदि बच्चे संक्रमित हो गए तो स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के साथ अभिभावकों की कमजोर माली हालत से स्थितियां बिगड़ेंगी, लिहाजा सरकार के निर्णय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाय। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अजयवीर पुंडीर के अनुसार कोविड काल में स्कूल खोलने का निर्णय गलत है।

पेंशन से बीमा योजना की किश्त कटौती के खिलाफ सुनवाई आज

रिटायर कर्मचारियों से स्वास्थ्य बीमा के नाम पर जबरन उनकी पेंशन से हर माह पैसा वसूलने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई आज होगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में देहरादून निवासी गणपत सिंह बिष्ठ व अन्य की ओर से जनहित याचिका की गई है। उनका कहना है कि राज्य सरकार ने स्वाथ्य बीमा के नाम पर उनकी अनुमति के बिना 21 दिसम्बर 2020 को एक साशनादेश जारी कर उनकी पेंशन से अनिवार्य कटौती पहली जनवरी 2021 से शुरू कर दी है।पेंषन उनकी व्यक्तिगत सम्पति है ।सरकार इस पर इस तरह की कटौती नही कर सकती। यह असवैधानिक है। पूर्व में यह व्यवस्था थी कि कर्मचारियों का स्वाथ्य बीमा सरकार खुद वहन करती थी परन्तु अब उनके पेंशन से स्वाथ्य बीमा के नाम पर हर महीने पैंसा काटा जा रहा है। लिहाजा इस सम्बंध में जारी पूर्व व्यवस्था को लागू किया जाय।

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