आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी आयकर अधिकारी श्वेताभ की अपील पर आज भी सुनवाई

आय से अधिक अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई कोर्ट से दोषी पूर्व संयुक्त आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन व अन्य की अपील पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की। इस मामले में सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। सुमन फिलहाल जमानत पर हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 08:31 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 08:31 AM (IST)
आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी आयकर अधिकारी श्वेताभ की अपील पर आज भी सुनवाई
आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी आयकर अधिकारी श्वेताभ की अपील पर आज भी सुनवाई

जागरण संवाददाता, नैनीताल : आय से अधिक अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई कोर्ट से दोषी पूर्व संयुक्त आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन व अन्य की अपील पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की। इस मामले में सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। सुमन फिलहाल जमानत पर हैं।

बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन के अनुसार 2005 में एक गुमनाम शिकायती पत्र के आधार पर 1998 बैच के आइआरएस तत्कालीन संयुक्त आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन के खिलाफ दिल्ली में मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद सीबीआइ ने 2015 में आयकर अधिकारी के 14 ठिकानों पर छापा मारा था। जांच में सीबीआइ ने पाया कि श्वेताभ के पास आय से 337 प्रतिशत अधिक संपति है। यह संपत्ति गाजियाबाद, झारखंड, बिहार व देहरादून में स्थित है।

संपत्ति उन्होंने अपनी माता व जीजा के नाम कर दर्ज करा रखी थी। अपनी मां गुलाबो देवी के नाम दिल्ली में एक होंडा सिटी कार भी फाइनेंस कराई थी। फाइनेंस कराने में जो दस्तावेज लगाए गए थे उनमें फोटो अपनी मां की और कागजात किसी अन्य व्यक्ति के लगाए गए थे। सीबीआइ की जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि सुमन ने गरीबों की मदद के लिए अरविंद सोसायटी का रजिस्ट्रेशन कराया था। अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उन्होंने सोसायटी में भी लोगों से दान करवाया था। बाद में उस धन को अपनी पत्नी व माता के खाते में ट्रांसफर कर लिया।

सीबीआइ कोर्ट में चले विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से 255 और बचाव पक्ष की ओर से आठ गवाह पेश किए गए थे। 13 फरवरी 2019 को स्पेशल जज प्रिवेंशन आफ करप्शन सीबीआइ देहरादून ने श्वेताभ को इस मामले में सात साल की सजा सुनाई। साथ ही 3.70 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा दिया। कोर्ट ने माता गुलाबो को एक साल, जीजा व दो दोस्तों को चार-चार साल की सजा सुनाई। इस आदेश के खिलाफ श्वेताभ समेत सभी ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की। आइआरएस सुमन को सुप्रीम कोर्ट से कोविड काल में जमानत मिली थी। अब जमानत मामले में भी सुनवाई होनी है।

chat bot
आपका साथी