उत्‍तराखंड की जेलों में सीसीटीवी लगाने व अन्य सुविधाओं के मामले में सुनवाई अब पांच को

राज्य की जेलों में सीसीटीवी लगाने व अन्य सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले में अगली तिथि पांच अक्टूबर नियत कर दी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:58 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:58 AM (IST)
उत्‍तराखंड की जेलों में सीसीटीवी लगाने व अन्य सुविधाओं के मामले में सुनवाई अब पांच को
राज्य की जेलों में सीसीटीवी लगाने व अन्य सुविधाओं के मामले में सुनवाई अब पांच को

जागरण संवाददाता, नैनीताल : राज्य की जेलों में सीसीटीवी लगाने व अन्य सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले में अगली तिथि पांच अक्टूबर नियत कर दी।

संतोष उपाध्याय व अन्य ने अलग अलग जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में एक आदेश जारी कर सभी राज्यों से जेलों में सीसीटीवी लगाने, जेलों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा था। साथ ही राज्य मानवाधिकार आयोग के खाली पड़े पदों को भरने के आदेश जारी किए थे लेकिन सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया।

पिछली सुनवाई में महानिदेशक जेल ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि प्रथम चरण में देहरादून, हरिद्वार जेल व उपकारागार हल्द्वानी में सीसीटीवी लगाए जाएंगे जबकि दूसरे चरण में राज्य की सभी जेलों में सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया है। कैदियों के रोजगार के लिए कौशल विकास योजना का सहयोग लिया जा रहा है।

जबकि उनके जीवन सुधार के लिए आर्ट आफ लिविंग का सहारा लिया जा रहा है। जेलों में कैदियों के रहने के लिए आवास निर्माण का टेंडर निकाला गया है। पिथौरागढ़, चंपावत व ऊधम सिंह नगर में नई जेल बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इन जेलों के बनने के बाद क्षमता से अधिक कैदियों को वहां शिफ्ट किया जाएगा।

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