आप के फ्री बिजली को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई, याची ने कहा- प्रदेश में बिना सरकार के नहीं दी जा सकती गारंटी

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है आप पार्टी द्वारा लिखित में रजिस्ट्रेशन कराना पूरी तरह असंवैधानिक है। आम आदमी पार्टी द्वारा 300 यूनिट फ्री में देने का कोई लिखित पत्र सरकार को नहीं दिया न ही इनकी सरकार है। इस तरह गारंटी कार्ड भराना लोक प्रतिनिधि अधिनियम के विरुद्ध है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 04:19 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 04:19 PM (IST)
आप के फ्री बिजली को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई, याची ने कहा- प्रदेश में बिना सरकार के नहीं दी जा सकती गारंटी
कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई आठ दिसंबर की तिथि नियत की है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी की ओर से 300 यूनिट फ्री बिजली देने संबंधित दिल्ली के मुख्यमंत्री व पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई आठ दिसंबर की तिथि नियत की है।

मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एकलपीठ में देहरादून के विकासनगर निवासी व उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य संजय जैन की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा  है कि आम आदमी पार्टी के कर्नल अजय कोठियाल द्वारा उत्तराखंड की जनता को उनकी सरकार आने पर फ्री में 300 यूनिट बिजली देने का केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड बांटा जा रहा है।

इसमे शर्त रखी है कि पहले उन्हें पार्टी द्वारा जारी मोबाइल नम्बर पर मिस्ड कॉल करना है, फिर उन्हें 300 यूनिट बिजली का गारंटी कार्ड जारी किया जा रहा है। यह कार्ड सदस्यों को संभाल के रखना है, तभी उनको सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री में दी जाएगी। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है आप पार्टी द्वारा लिखित में रजिस्ट्रेशन कराना पूरी तरह असंवैधानिक है। आम आदमी पार्टी द्वारा 300 यूनिट फ्री में देने का कोई लिखित पत्र सरकार को नहीं दिया, न ही इनकी सरकार है। इस तरह के गारंटी कार्ड भराना लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के  विरुद्ध है। यह कृत्य भृष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। 

यह आचरण जनता को गुमराह करने वाला है, इस पर आदर्श आचार संहिता  के अंतगर्त रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में  आदर्श आचार संहिता कमीशन  बनाने के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता यह भी कहना है कि वह इसका विरोध नहीं करते है लेकिन बिना सरकार के गारंटी कार्ड देना जनता के साथ धोखा है, यह तो सरकार का काम है। याचिका में केंद्रीय निर्वाचन चुनाव आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, आम आदमी के अजय कोठियाल को पक्षकार बनाया है।

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