स्वास्थ्य विभाग शिकायत मिलने पर डिस्चार्ज बिलों की करेगा जांच, मनमानी मिली तो कार्रवाई

मनमानी वसूली करने वाले प्राइवेट अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग नकेल कसेगा। ज्यादा बिल वसूलने की शिकायत पर विभाग डिस्चार्ज बिलों की जांच करेगा। ज्यादा बिल वसूल किए जाने की पुष्टि होती है तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 12:18 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 12:18 PM (IST)
स्वास्थ्य विभाग शिकायत मिलने पर डिस्चार्ज बिलों की करेगा जांच, मनमानी मिली तो कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग शिकायत मिलने पर डिस्चार्ज बिलों की करेगा जांच, मनमानी मिली तो कार्रवाई

काशीपुर, जागरण संवाददाता : मनमानी वसूली करने वाले प्राइवेट अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग नकेल कसेगा। ज्यादा बिल वसूलने की शिकायत पर विभाग डिस्चार्ज बिलों की जांच करेगा। ज्यादा बिल वसूल किए जाने की पुष्टि होती है तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही निजी अस्पतालों को प्रतिदिन खाली बेड की संख्या के संबंध में रिपोर्ट देनी होगी।

सरकार की ओर से निजी अस्पतालों के लिए कोविड इलाज के लिए रेट लिस्ट जारी की गई है। जिसके तहत आइसोलेशन बेड का चार्ज 6400 रुपये प्रतिदिन, बिना आइसीयू के वेंटिलेटर केयर का चार्ज 10400, आइसीयू के साथ वेंटिलेटर केयर का चार्ज 14400 रुपये तय किया गया है। इसके बाद भी नगर के निजी अस्पताल मनमाना पैसा वसूल कर रहे हैं। एक दिन में 25 हजार से 50 हजार रुपये तक बिल वसूल किए जाने की शिकायतें अधिकारियों के पास पहुंच चुकी हैं। अब तक कई अस्पतालों पर छापामारी की जा चुकी है। स्पर्श अस्पताल के खिलाफ ज्यादा बिल वसूली को लेकर रिपोर्ट भी दर्ज हो चुकी है।

आयुष्मान, केवीआर सहित तमाम अस्पतालों पर छापामारी की जा चुकी है। छापामारी की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन ज्यादा पैसा वसूलने की शिकायतें अब भी जारी हैं। यह सिर्फ शिकायतें नहीं हैं। कई मामलों में ज्यादा पैसा वसूल किए जाने की पुष्टि भी हो चुकी है। ज्यादा वसूली पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। अगर कोई निजी अस्पताल मनमाना पैसा वसूल करता है और स्वास्थ्य विभाग के पास शिकायत पहुंचती तो डिस्चार्ज बिल की जांच की जाएगी। अगर शिकायत सही पाई जाती है तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कोविड नोडल अधिकारी डा. अमरजीत सिंह साहनी ने कहा कि ज्यादा बिल वसूली करने वाले अस्पतालों पर नकेल कसने की तैयारी है। शिकायत मिलती है तो संबंधित बिल इकट्ठा करने के बाद सीएमओ आफिस भेजे जाएंगे। इसके बाद मामला पुलिस को दिया जाएगा।

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