हरीश रावत ने जताई सीएम बनने की इच्छा, बोले- मौका मिला तो ये दो अधूरे काम पूरा करूंगा

इन दिनों अपने बयानों से उत्तराखंड कांग्रेस में भूचाल पैदा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने बातों-बातों में एक बार फिर सीएम बनने की इच्छा जाहिर की है। बागेश्वर में उन्होंने कहा कि दोबारा मौका मिला तो दो अधूरे कामों को पूरा करूंगा!

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 06:08 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 09:22 AM (IST)
हरीश रावत ने जताई सीएम बनने की इच्छा, बोले- मौका मिला तो ये दो अधूरे काम पूरा करूंगा
हरदा ने कहा दोबारा सीएम बनने का मौका मिला दो काम जरूर करूंगा...जानिए कौन-कौन से हैं वो काम

बागेश्वर, जागरण संवाददाता : इन दिनों अपने बयानों से उत्तराखंड कांग्रेस में भूचाल पैदा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने बातों-बातों में एक बार फिर सीएम बनने की इच्छा जाहिर की है। बागेश्वर में उन्होंने कहा कि दोबारा मौका मिला तो दो अधूरे कामों को पूरा करूंगा। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कह राजनीति में धन-बल का प्रभाव बढ़ते जा रहा है। जिसके खिलाफ मैं संघर्ष करने के लिए सरयू बगड़ से एक संकल्प लेकर जा रहा हूं। आज की राजनीतिक हालातों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाले ही अब मंत्र सिखा रहे हैं।

शुक्रवार को सरयू बगड़ में कुली बेगार प्रथा के शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को पहली राजनीतिक हार कहीं मिली तो वह उत्तराखंड में थी। जहां बर्खास्त मुख्यमंत्री दोबारा सीएम बन गया। इस दौरान काफी कम समय मिला। इस कारण मन में दो काम ना कर पाने की टीस रह गई। दोबारा सीएम बनने का मौका मिला तो वह जरूर करूगा।

उन्होंने कहा कि पहला काम 16 हजार बेरोजगारों का नौकरी देने का काम दूसरा महिलाओं के लिए सार्वभौमिक पौष्टिक योजना। पांच साल भाजपा सरकार को होने वाले हैं लेकिन वे केवल सात हजार बेरोजगारों को ही नौकरी दे पाए हैं। कांग्रेस सरकार में जिन बेरोजगारों को रोजगार मिलना था वह भी ठंडे बस्ते में डाल दिया।

पूर्व सीएम रावत ने कहा बेरोजगारी, महंगाई चरम पर है। खेती, किसानी बर्बाद हो गई है। गांव लगातार खाली हो गए है। त्रिवेंद्र सरकार ने कुछ काम किए तो वह कांग्रेस सरकार के जन हित के कार्यों को ठप करना है। उन्होंने कहा कि राज्य गरीब, अभावग्रस्त लोगों के उत्थान के लिए बना था। लेकिन राजनीति में धन-बल के प्रभाव में इन वर्गों को हाशिए में डाल दिया है। जिसके लिए सभी ने मिलकर कार्य करना होगा।

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