कांग्रेस के पोस्टरबाजों को हरदा की नसीहत, नेतृत्व एक दिन और पोस्टर से नहीं बनता
हरदा ने नेताओं व कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि नेतृत्व एक दिन में नहीं बनता और न ही एक पोस्टर से खड़ा होता है। राज्य में केवल अध्यक्ष पद पर चेहरा बदला है। नेतृत्व आज भी वही पुराना है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पंजाब में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान दूर करने के बाद पूर्व सीएम व चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का फोकस अब उत्तराखंड पर रहेगा। पार्टी में अक्सर पोस्टरबाजी से माहौल गरमा जाता है। ऐसे में हरदा ने नेताओं व कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि नेतृत्व एक दिन में नहीं बनता और न ही एक पोस्टर से खड़ा होता है। राज्य में केवल अध्यक्ष पद पर चेहरा बदला है। नेतृत्व आज भी वही पुराना है। इसलिए कोई भी जाने या अनजाने में पार्टी का माहौल बिगाडऩे का प्रयास न करें।
एक माह तक चले बैठकों के दौर के बाद हाईकमान ने तीन दिन पहले उत्तराखंड कांगेस में नई टीम तय की थी। फेरबदल करते हुए प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष व श्रीनगर के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को पीसीसी चीफ बनाया गया। पंजाब की तर्ज पर रणजीत सिंह रावत, प्रोफेसर जीतराम, भुवन कापड़ी और तिलकराज बेहड़ का नाम घोषित कर चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए। लिस्ट जारी होने के बाद कुछ लोगों ने नाराजगी भी जाहिर की। मगर अब सुर शांत होने लग गए।
वहीं, चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष के तौर पर अहम जिम्मेदारी मिलने के बाद हरीश रावत फ्रंटफुट पर बैटिंग करते नजर आ रहे हैं। इसलिए पहले उन्होंने अपने लोगों को ही नसीहत दे डाली, ताकि चुनावी रण में आपसी विवाद और मतभेदों की कोई गुंजाइश न रहे और एकजुट होकर सत्ता से लड़ा जा सके। हरदा ने इंटरनेट पर डाली पोस्ट में कहा कि पोस्टरों के साथ अपने व्यवहार में भी सभी नेताओं को बराबर महत्व देना होगा। सत्ता में वापसी के लिए यह जरूरी है।