संगठन से असहज रहे हैं सीमांत में कांग्रेस को मजबूत करने वाले हरीश धामी

सीमांत धारचूला सीट को उक्रांद के बाद निर्दलीय के चंगुल से कांग्रेस की झोली में डालने वाले विधायक हरीश धामी संगठन के निर्णयों व अपनी उपेक्षा को लेकर कई बार खुलकर विरोध जता चुके हैं। यह विरोध पार्टी के लिए भी असहज करने वाला रहा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 09:03 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 09:03 AM (IST)
संगठन से असहज रहे हैं सीमांत में कांग्रेस को मजबूत करने वाले हरीश धामी
संगठन से असहज रहे हैं सीमांत में कांग्रेस को मजबूत करने वाले हरीश धामी

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : सीमांत धारचूला सीट को उक्रांद के बाद निर्दलीय के चंगुल से कांग्रेस की झोली में डालने वाले विधायक हरीश धामी संगठन के निर्णयों व अपनी उपेक्षा को लेकर कई बार खुलकर विरोध जता चुके हैं। यह विरोध पार्टी के लिए भी असहज करने वाला रहा। दबंग नेता की छवि वाले हरीश धामी पूर्व सीएम हरीश रावत के बेहद करीबी हैं। यही वजह रही कि हरीश रावत को 2022 में सीएम चेहरा बनाए जाने की बात खुलकर समर्थन देकर माहौल भी बनाया।

सीमांत धारचूला सीट को धामी ने पूर्व सीएम हरीश रावत के लिए छोड़ा था। दस साल के कार्यकाल में धामी ने पार्टी व क्षेत्र में मजबूत पकड़ भी बनाई है। इसी मजबूत पकड़ के चलते पार्टी में उनका कद तो बढ़ा लेकिन संगठन में उनकी उपेक्षा होती रही। इस उपेक्षा को लेकर वह आहत भी हुए और उन्होंने संगठन को लेकर बयान भी दिए। कांग्रेस की पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी में हरीश धामी को प्रदेश महासचिव पद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें यह पद नहीं मिला। जिसे लेकर उन्होंने संगठन पर सीधा सवाल भी उठाया।

वर्तमान प्रदेश कार्यकारिणी में भी धामी को बड़ा पद मिलने की संभावना थी परंतु यहां पर भी उन्हें उपेक्षित ही किया गया। मैदान से दो-दो प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष और पहाड़ की उपेक्षा का मसला भी चर्चा में रहा। बाद में हरीश धामी की चुप्पी से कयासों पर विराम लग गया परंतु उनके मन में संगठन में स्थान नही मिलने की टीस बरकरार है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक हरदा ने ही उन्हें मनाया।

हरीश धामी के धारचूला, मुनस्यारी क्षेत्र में एकमात्र दमदार नेता होने के चलते हालांकि कांग्रेस के पास अन्य कोई विकल्प नहीं है। हरीश धामी ने धारचूला विस क्षेत्र में अपना चुनाव अभियान का श्रीगणेश भी कर दिया है। अगस्त में उनकी पहली चुनावी रैली हो चुकी है। काली और गोरी नदी के संगम जौलजीबी से चुनावी रैली निकाल कर अपनी ताकत भी दिखा चुके हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस पूर्व सीएम हरीश रावत के ही नेतृत्व में चुनाव जीत सकती है।

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