हल्द्वानी को गंदगी से मिलेगा छुटकारा, पुराने नगर निगम का आधा हिस्सा सीवरेज लाइन से जुड़ा
पहले फेज में हल्द्वानी शहर में 27 किमी लंबी सीवरेज लाइन का जाल बिछाया गया है। 2016 के बाद आठ भागों में यह लाइनें डाली गई हैं। सीवरेज की लंबी लाइनों के सापेक्ष में कनेक्शनों की संख्या कम है।
गणेश पांडे, हल्द्वानी। अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के पहले फेज में हल्द्वानी शहर में 27 किमी लंबी सीवरेज लाइन का जाल बिछाया गया है। 2016 के बाद आठ भागों में यह लाइनें डाली गई हैं। सीवरेज की लंबी लाइनों के सापेक्ष में कनेक्शनों की संख्या कम है। नई लाइनें बिछाने के बाद 2300 घरों को सीवरेज लाइन से जोड़ा गया है।
अमृत योजना का काम 2015 में शुरू हुआ था। योजना क्रियान्वित 2017 में हुई। हल्द्वानी निगम क्षेत्र में 19.29 करोड़ की लागत से 27 किमी लाइन डाली गई है। पांच योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि तीन योजनाओं का काम आखिरी चरण में है। शहर के कुल्यालपुरा, आवास विकास, न्यू आवास विकास, सुभाषनगर, हीरानगर, जगदंबानगर, हाईडिल गेट, रामपुर रोड, सखावतगंज, शीशमहल, गुरुनानकपुरा, गुसाईनगर, बनभूलपुरा लाइन नंबर 17 आदि सीवरेज से आच्छादित हो गए हैं। अमृत फेज-वन के बाद पुराने निगम का 50 प्रतिशत क्षेत्र सीवरेज लाइन से आच्छादित हो गया है। अमृत से पहले यह आंकड़ा कुल क्षेत्रफल का 35 प्रतिशत था।
दूसरे फेज में यहां प्राथमिकता
केंद्र सरकार ने अमृत-टू को जल जीवन मिशन के नाम से लागू किया है। अमृत विशेषज्ञ चंद्र सिंह ने बताया कि इसमें इंदिरानगर, राजपुरा, बनभूलपुरा के अलावा पुराने शहर के छूटे इलाकों की सीवरेज से आच्छादित किया जाएगा। योजना की गाइडलाइन आते ही डीपीआर बनाई जाएगी।
सीवरेज की ये योजनाएं निर्माणाधीन
योजना का नाम मीटर प्रगति (प्रतिशत में)
पार्ट 4 5612 90
पार्ट 7 1077 65
पार्ट 8 1104 40
अगले साल तैयार होगा एसटीपी
पुराने शहर को सीवरेज से कनेक्ट करने के लिए आंवला गेट चौकी से आगे 28 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बन रहा है। 35.59 करोड़ की लागत से होने वाले प्लांट का निर्माण 35 फीसद पूरा हो गया है। अगले साल एसटीपी चालू होनी है।
पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता एके कटारिया ने बताया कि अमृत योजना के पहले फेज का काम आखिरी चरण में है। अभी तक 2304 घरों को सीवरेज लाइन से जोड़ा जा चुका है, जो घर रह जाएंगे उन्हें जल संस्थान कनेक्ट करेगा।