चुनावी साल में कर वसूली को लेकर रियायत की तारीखों का लगातार बढ़ रहा हल्द्वानी नगर निगम
विधानसभा चुनाव की बेला दहलीज पर है। सरकार व राजनीतिक दलों ने लोक लुभावन प्रयास तेज कर दिए हैं। शहर की सरकार भी इसमें पीछे नहीं है। आम मतदाताओं से लेकर व्यापारियों को लुभाने के लिए तारीख-दर-तारीख आगे बढ़ाई जा रही है।
गणेश पांडे, हल्द्वानी : विधानसभा चुनाव की बेला दहलीज पर है। सरकार व राजनीतिक दलों ने लोक लुभावन प्रयास तेज कर दिए हैं। शहर की सरकार भी इसमें पीछे नहीं है। आम मतदाताओं से लेकर व्यापारियों को लुभाने के लिए तारीख-दर-तारीख आगे बढ़ाई जा रही है। भवन कर, दुकान किराया व लाइसेंस नवीनीकरण में छूट की अवधि चौथी बार आगे बढ़ाने की तैयारी को इसी तरह देखा जा रहा है।
छूट के साथ अग्रिम भवन कर, दुकान किराया जमा कराने की समयसीमा 30 जून रहती है। इस अवधि में भवन व स्वच्छता कर जमा करने पर 25 प्रतिशत छूट का प्रविधान है। दो दिसंबर को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में छूट की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ाने का प्रस्ताव लाया जाना है।
इससे पहले तीन बार समयावधि बढ़ाने के बाद भी नगर निगम प्रशासन कोई खास वसूली नहीं कर पाया है। भवन कर व दुकान किराया मद में ही करीब 1.79 करोड़ रुपये बकाया है। दुकान किराया मद में सबसे खराब स्थिति है। करीब 60 फीसद वसूली हो पाई है। छूट की अवधि समाप्त होने के बाद दुकान किराया जमा कराने पर 10 रुपये रुपये प्रतिदिन विलंब शुल्क देना होता है। शहर में निगम की 1183 दुकानें हैं।
अब तक चार हजार लाइसेंस बने
ट्रेड लाइसेंस बनाने की गति भी धीमी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अभी तक चार हजार ट्रेड लाइसेंस बने हैं। इससे 18 लाख रुपये आए हैं। इस वर्ष सात हजार से अधिक लाइसेंस बनाने का लक्ष्य है। छूट की अवधि समाप्त होने के बाद पांच रुपये प्रतिदिन की दर से विलंब शुल्क देना होता है।
इस तरह बढ़ती गई रियायत
पहली बार 31 अगस्त। दूसरी बार 30 सितंबर। तीसरी बार 31 अक्टूबर। चौथी बार 31 दिसंबर करने की तैयारी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 की वसूली (करोड़ रुपये में)
मद वार्षिक लक्ष्य वसूली प्रतिशत
भवन कर 1.67 1.06 63.5
स्वच्छता कर 1.67 1.06 63.5
दुकान किराया 1.45 0.88 60.7
कुल टैक्स 4.79 3.00 62.6
(नोट: वसूली 31 अक्टूबर, 2021 तक)
टैक्स वसूली अपेक्षा से कम
नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि टैक्स वसूली अपेक्षा से कम रही है। वसूली बढ़े इसके लिए छूट की तिथि आगे बढ़ाने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। अंतिम फैसला बोर्ड को लेना है।