केंद्र से उधार लेकर नगर निगम ने खरीदे कूड़ा वाहन, अब चलाने तक के लिए बजट नहीं
नगर निगम ने केंद्र सरकार के अधीन आने वाले राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) से डेढ़ साल पहले 5.50 करोड़ रुपये उधार लेकर वाहन खरीद लिए। अब इन्हें चलाने के लिए राज्य के मुंह ताकने की नौबत आ रही है।
गणेश पांडे, हल्द्वानी : नगर निगम की खराब माली हालत जनता तक सुविधाएं पहुंचाने में आड़े आ रही है। ढाई साल से अधिक समय बीतने के बाद भी आधे शहर में नियमित रूप से सफाई तक नहीं हो रही। नगर निगम ने केंद्र सरकार के अधीन आने वाले राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) से डेढ़ साल पहले 5.50 करोड़ रुपये उधार लेकर वाहन खरीद लिए। अब इन्हें चलाने के लिए राज्य के मुंह ताकने की नौबत आ रही है। यहां तक की एनएसकेएफडीसी के लोन की किस्त चुकाना तक भारी पड़ रहा है। कूड़ा वाहन चलाने व उनके रखरखाव के लिए निगम को सालाना दो करोड़ रुपये की जरूरत है।
यहां दिखाई दरियादिली
1- दुकान किराया वृद्धि टाली
शहर में निगम की 1183 दुकानें हैं। प्रत्येक पांचवें साल में दुकानों का किराया 12.5 प्रतिशत बढ़ाया जाना होता है। कोरोना को देखते हुए निगम ने मामूली किराया वृद्धि को अगले साल के लिए टाल दिया। किराया वृद्धि से 20 लाख रुपये सालाना आय होती।
2- व्यावसायिक टैक्स नहीं
नए वार्डों में दुकान, मॉल, अस्पताल, बारात घर, स्कूल, मेडिकल स्टोर जैसे पांच हजार व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं। राजनीतिक दफा-नुकसान को देखते हुए सरकार ने घरेलू के साथ व्यावसायिक टैक्स भी माफ कर दिया। इससे एक करोड़ की आय होती।
3- हाउस टैक्स सुधार योजना लंबित
इस साल अप्रैल से हाउस टैक्स को सर्किल रेट से जुडऩा था। सरकार फरवरी में अध्यादेश लाई। शहरी विकास निदेशालय को नियमावली बनाकर निकायों को भेजनी थी। इससे निकायों की आय बढ़ती। चुनावी साल में यह टलते दिख रहा है।
4- मंत्री के आदेश पर अमल नहीं
पूर्व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने 4 फरवरी को सर्किट हाउस में बैठक लेते हुए कहा कि कूड़ा उठान के यूजर चार्ज वसूली की जिम्मेदारी अनुबंधित कंपनी की होगी। मंत्री के आदेश पर अमल से निगम को सालाना 1.80 करोड़ की बचत होती। कूड़ा उठान पर व्यय होने वाली अनुमानित राशि
80 चालक, परिचालक वेतन 8.00 लाख नौ सुपरवाइजर वेतन 1.25 लाख 35 वाहनों का डीजल 4.90 लाख वाहन बीमा, रखरखाव आदि 20.00 लाख (नोट: वाहन बीमा व रखरखाव खर्च सालाना, शेष मासिक व्यय है।)
राज्य वित्त से निगम को उम्मीद
अप्रैल में दून में हुई बैठक में निकाय प्रमुखों ने शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत से मोहल्ला स्वच्छता समिति के मानदेय की व्यवस्था राज्य वित्त से करने की मांग की। अभी निकाय खुद की आय से भुगतान करते हैं। मंत्री ने इस पर सहमति जताई, लेकिन इसके लिए वित्त व राज्य वित्त की मंजूरी जरूरी है। मंजूरी मिलने से निकायों की देनदारी घटेगी। मेयर हल्द्वानी नगर निगम डा. जोगेंद्र रौतेला ने बताया कि नए वार्डों में पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति व कूड़ा वाहन संचालित करने में बजट की कमी आड़े आ रही। शासन से बजट की मांग की है। एक माह के भीतर कोई रास्ता निकाल लिया जाएगा।
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