रैगिंग सहित अराजकता में हल्द्वानी मेडिकल कालेज का नाम हो रहा खराब

एमबीबीएस छात्रों की अराजकता आम हो गई है। कालेज प्रशासन ने परिसर में बाइक न लाने का नोटिस कई बार दिया है। इसके बावजूद मनमानी पर उतारू हैं। सोमवार को परिसर में हुई मारपीट का घटना नया मामला नहीं है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 03:01 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 03:01 PM (IST)
रैगिंग सहित अराजकता में हल्द्वानी मेडिकल कालेज का नाम हो रहा खराब
अब कालेज प्रशासन सख्त रवैया अपनाने को तैयार हैं। हास्टल से निष्कासन और अर्थदंड भी लगाया जा सकता है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कालेज में एमबीबीएस छात्रों की अराजकता आम हो गई है। कालेज प्रशासन ने परिसर में बाइक न लाने का नोटिस कई बार दिया है। इसके बावजूद मनमानी पर उतारू हैं। सोमवार को परिसर में हुई मारपीट का घटना नया मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार हंगामा हो चुका है। अब कालेज प्रशासन सख्त रवैया अपनाने को तैयार हैं। हास्टल से निष्कासन और अर्थदंड भी लगाया जा सकता है।

अभिभावकों को भी बुलाया जाएगा

प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि मारपीट प्रकरण में शामिल विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी बुलाया जाएगा। उन्हें भी प्रकरण के बारे में अवगत कराया जाएगा। 

कई छात्र बंक करते हैं कक्षाएं

कई बार शिक्षक कक्षा में जाते हैं, लेकिन वहां पर कुछ ही विद्यार्थी बैठे रहते हैं। अराजक विद्यार्थी कक्षा बंक कर चले जाते हैं। इनकी शिकायत अभिभावकों से भी की जा चुकी है।

बढ़ा दी गई है हास्टल की सुरक्षा

विद्यार्थियों की बीच मारपीट प्रकरण के बाद हास्टल में सुरक्षा गार्ड बढ़ा दिए गए हैं। साथ ही वार्डेन को भी सतर्क रहने के लिए निर्देशित किया गया है।

अनुशासन समिति ये रहे शामिल

प्रो. जीएस तितियाल, प्रो. विनीता रावत, वार्डेन डा. एमए खान आदि शामिल रहे। 

पहले भी आ चुके हैं मामले
- सितंबर, 2018 को भी प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को झुककर चलने, मारपीट करने और परेशान करने की शिकायत की थी।
- अक्टूबर, 2018 में भी एमबीबीएस तीसरे सेमेस्टर के छात्रों ने दूसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों से मारपीट की थी। तब तीन छात्रों को हास्टल से निकाल दिया गया था।
- जुलाई, 2019 को एमबीबीएस के तृतीय वर्ष के छात्रों ने द्वितीय वर्ष के छात्रों के साथ मारपीट की थी। इसमें एक छात्र के कान का परदा फट गया था। तब सात छात्रों को तीन महीने के लिए हास्टल से निष्कासित किया था और 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाया था।
- सितंबर, 2020 में बाहर के कुछ डाक्टरों को बुलाकर सीनियर डाक्टरों ने जूनियर डाक्टरों को पीटा था। टीशर्ट फाड़ दी थी।
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