अल्मोड़ा के बारंगल गांव में गुलदार ने महिला को मार डाला, पूर्व में तीन महिलाओं को कर चुका घायल

बारंगल गांव में गुलदार ने महिला को शिकार बना लिया। उसका क्षत-विक्षत शव घर से 300 मीटर दूर जंगल में मिला। तहसील मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर बारंगल गांव निवासी 50 वर्षीय शांति देवी घर में अकेले रहती थीं। सोमवार देर शाम से वह लापता थीं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 08:21 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 09:52 PM (IST)
अल्मोड़ा के बारंगल गांव में गुलदार ने महिला को मार डाला, पूर्व में तीन महिलाओं को कर चुका घायल
बुधवार को गांव से करीब 300 मीटर की दूरी पर शांति देवी का क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला।

संस, स्याल्दे (अल्मोड़ा): गढ़वाल सीमा से लगे बारंगल गांव में गुलदार ने महिला को शिकार बना लिया। उसका क्षत-विक्षत शव घर से 300 मीटर दूर जंगल में मिला। तहसील मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर बारंगल गांव निवासी 50 वर्षीय शांति देवी घर में अकेले रहती थीं। सोमवार देर शाम से वह लापता थीं। ग्रामीणों ने समझा कि वह अपने भाई महेश चंद्र बलौदी के पास गई होंगी।

बुधवार को गांव से करीब 300 मीटर की दूरी पर शांति देवी का क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला। ग्राम प्रधान खीमानंद बलौदी ने बताया कि शांति देवी का टार्च घर की देहरी पर गिरा पड़ा था। संभवत: तभी गुलदार उसे उठा ले गया होगा। क्षेत्र में लगातार गुलदार के हमलों से ग्रामीणों में डर व खासा रोष भी है।

... और जानलेवा रहा चौथा हमला

इससे पूर्व 26 दिसंबर को ग्राम पंचायत बारंगल के ही तोक डोडियाल बाखल में त्रिलोक सिंह की पत्नी अंजू देवी पर गुलदार झपटा था। उसे लहूलुहान हालत में काशीपुर रेफर किया गया था। इसके बाद 30 दिसंबर को हीरा सिंह की पत्नी कमला देवी, सात जनवरी को जय सिंह की पत्नी तुलसी देवी भी हमले में घायल हो गई थी। चौथे हमले में उसने शांति देवी को मार ही डाला।

नरभक्षी घोषित करने की मांग उठी

गांव के देवेंद्र सिंह, विजय बंगारी, भूपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह, संदीप जोशी आदि ने वन विभाग से गुलदार को आदमखोर घोषित कर पिंजड़े में कैद किए जाने या उसे मार गिराए जाने की मांग उठाई है। तहसील प्रशासन व वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। 

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