केन्‍द्र ने कहा, जरूरत पड़ी तो सेना के चिकित्सकों की भी महाकुंभ में सेवाएं ली जाएंगी

haridwar Kumbh 2021 उच्च न्यायालय ने हरिद्वार महाकुंभ में भीड़ नियंत्रण समेत अन्य व्यवस्था को लेकर सुनवाई की। स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोर्ट को आश्वासन दिया कि यदि डीआरडीओ द्वारा 1000 बेड के अस्पताल को हरिद्वार में संचालित किया जाएगा तो उसके लिए राज्य सरकार स्टाफ की पूर्ण व्यवस्था करेगी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 02:02 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 07:45 AM (IST)
केन्‍द्र ने कहा, जरूरत पड़ी तो सेना के चिकित्सकों की भी महाकुंभ में सेवाएं ली जाएंगी
haridwar Kumbh 2021 : स्वास्थ्य सचिव ने हाईकोर्ट को बताया

नैनीताल, जागरण संवाददाता : haridwar Kumbh 2021 : उच्च न्यायालय ने हरिद्वार महाकुंभ में भीड़ नियंत्रण समेत अन्य व्यवस्था को लेकर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोर्ट को आश्वासन दिया गया कि यदि डीआरडीओ द्वारा 1000 बेड के अस्पताल को हरिद्वार में संचालित किया जाएगा तो उसके लिए राज्य सरकार स्टाफ की पूर्ण व्यवस्था करेगी। केंद्र सरकार ने राज्य को आश्वासन दिया है कि यदि आवश्यकता पड़ी तो सेना के चिकित्सकों की उपलब्धता भी कुंभ मेले हेतु की जाएगी।

सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्य सचिव से एक विस्तृत रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है, जिसमें जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 22 जनवरी को जारी की गई। कुंभ मेला एसओपी के अनुपालन के संबंध में बिंदुवार विवरण देना है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की मांग की गई थी।

बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में है। जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिये जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटी  गठित करने के आदेश देने के साथ ही कमेटियों से सुझाव में मांगे थे।

मेलाधिकारी को कोर्ट में यह भी बतायना होगा

कोर्ट ने आदेश दिया है कि मेलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट में यह भी बताना होगा कि, जो श्रद्धालु आ रहे हैं, उनके रुकने की व्यवस्था किस प्रकार से होगी और स्नान के बाद अल्प विश्राम कपड़े आदि बदलने के लिए क्या व्यवस्था की गई है। इसके लिए केंद्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ आसपास के राज्यों के स्वास्थ्य कर्मियों की भी मदद ली जा सकती है। कोर्ट ने मेलाधिकारी दीपक रावत को आदेशित किया है कि वह कुंभ मेला के निर्माण कार्यों के संबंध में बचे हुए कार्यों और उनको पूर्ण किए जाने की समय सीमा के संबंध में विस्तृत विवरण कुंभ मेला प्रारंभ होने से पहले दाखिल करेंगे।

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