सरकारी स्कूल के बच्चे सीखेंगे कोडिंग, डिजाइन करेंगे वेबसाइट, आइबीएम कंपनी से हुआ एमओयू
सरकारी स्कूल के बच्चे अब कोडिंग सीखेंगे। अंकगणितीय बौद्धिक विकास के साथ ही गेम एप्लीकेशन आदि बनाएंगे। इसके अलवा डिजिटाइजेशन के दौर में बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के लिए कंप्यूटर की दुनियां में आगे बढ़ेंगे। इसके लिए अमेरिकी कंपनी आइबीएम ने जिम्मा उठाया है।
रुद्रपुर, बृजेश पांडेय : सरकारी स्कूल के बच्चे अब कोडिंग सीखेंगे। अंकगणितीय बौद्धिक विकास के साथ ही गेम, एप्लीकेशन आदि बनाएंगे। इसके अलवा डिजिटाइजेशन के दौर में बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के लिए कंप्यूटर की दुनियां में आगे बढ़ेंगे। इसके लिए अमेरिकी कंपनी आइबीएम ने जिम्मा उठाया है। इसके सफल संचालन के लिए विभाग और कंपनी का एमओयू पर मुहर लग गई है।
समग्र शिक्षा के तहत आइबीएम प्राइवेट लिमिटेड की ओर से जिले के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में स्टेम फार गल्र्स कार्यक्रम के अंतर्गत छात्राओं के भविष्य एवं करियर को देखते हुए उनमें अधिक विकल्प उपलब्ध हो सके। इसकी योजना बनाई गई हैं। इसके लिए जिले के 30 माध्यमिक विद्यालयों का चयन किया गया है। इसमें रुद्रपुर के छह, बाजपुर के तीन, गदरपुर के छह, जसपुर के पांच, खटीमा के सात, सितारगंज के दो और काशीपुर के एक विद्यालय शामिल है। चयनित स्कूलों के करीब 25 हजार छात्रों को वर्तमान शिक्षा के साथ ही जीवन कौशल स्टेम आधारित शिक्षण, समस्या समाधान, कंप्यूटेशनल थिंकिंग एवं स्व अनुभूति आदि गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
कार्यक्रम के माध्यम से छात्राओं के सशक्त करियर के लिए डिजिटल प्रवाह, कोङ्क्षडग सहित अन्य कौशल के माध्यम से उनकी क्षमता एवं योग्यता का विकास किया जाएगा। इसके अलावा योग्य छात्राओं को कोङ्क्षडग एवं अग्रिम शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति भी दी जाएगी, जिससे वह यहां से उसी क्षेत्र में आगे की शिक्षा प्राप्त कर सकें। योजना के संचालन के लिए अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन को जिम्मदारी सौंपी गई है।
यूएस नगर के सीईओ रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि जिले के 30 स्कूलों का चयन इस योजना के लिए किया गया है। आइबीएम कंपनी की ओर से अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन की ओर से कक्षाओं का संचालन एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा। पत्र खंडों में जारी कर दिए गए हैं। आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कोडिंग क्या है
कोडिंग को प्रोग्रामिंग के रूप में भी जाना जाता है। कंप्यूटर पर हम जो कुछ भी करते हैं वह सारा काम इसी के जरिए किया जाता है। कोडिंग के जरिए ही कंप्यूटर को बताया जाता है कि उसे क्या करना है। यानि कंप्यूटर जिस भाषा को समझता है, उसे कोडिंग कहा जाता है। इसके जरिए वेबसाइट्स या एप बना सकते हैं। इसके अलावा भी कई कार्य किए जाते हैं।
इन विद्यालयों का हुआ है चयन
जीजीआइसी बरा, जीआइसी देवरी, जीआइसी चुकटी देवरिया, जीजीआइसी किच्छा, जीजीआइसी पंतनगर, जीजीआइसी जसपुर, जीआइसी झनकट, जीआइसी प्रतापपुर, जीजीआइसी बाजपुर, जीजीआइसी दिनेशपुर, जीआइसी बंडिया, नेहरू जीआइसी महुआडाबरा, जीआइसी चारूबेटा, जीआइसी सैजना, जीजीआइसी सुल्तानपुर, जीआइसी सकैनिया, जीआइसी जयनगर, जीआइसी बढइयोवाला, जीआइसी पूरनपूर, जीजीआइसी खटीमा, बाजपुर, एचएसएस गदरपुर, शक्तिफार्म, जीजीआइसी काशीपुर, जीजीएचएस हरिदासपुर, जीजीआइसी गदरपुर, जीआइसी सूर्यनगर, हमीरवाला, जीआइसी शांतिपुरी।