primary school Reopen : डेढ़ साल बाद खुले सरकारी प्राइमरी स्कूल, निजी स्‍कूलों में फिलहाल ऑनलाइन ही पढ़ाई

कोरोना काल में डेढ़ साल बाद मंगलवार को सरकारी प्राइमरी स्कूल खुल गए। मगर कोरोना के डर के कारण स्कूलों में बच्चों की संख्या कम नजर आई। अधिकांश अभिभावकों ने बच्चों को भेजा ही नहीं। वहीं निजी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई फिलहाल ऑनलाइन ही होगी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 10:53 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 10:53 AM (IST)
primary school Reopen : डेढ़ साल बाद खुले सरकारी प्राइमरी स्कूल, निजी स्‍कूलों में फिलहाल ऑनलाइन ही पढ़ाई
डेढ़ साल बाद खुले सरकारी प्राइमरी स्कूल, निजी स्‍कूलों में फिलहाल ऑनलाइन ही पढ़ाई

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना काल में डेढ़ साल बाद मंगलवार को सरकारी प्राइमरी स्कूल खुल गए। मगर कोरोना के डर के कारण स्कूलों में बच्चों की संख्या कम नजर आई। अधिकांश अभिभावकों ने बच्चों को भेजा ही नहीं। वहीं, निजी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई फिलहाल ऑनलाइन ही होगी। एसओपी के हिसाब से नियमों का पालन करने में संचालकों ने अभी असमर्थता जताई है।

नैनीताल जिले में कुल 941 प्राइमरी स्कूल हैं। जिनमें 34 हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। मार्च 2020 में कोरोना की शुरूआत के बाद नौनिहालों की सुरक्षा की दृष्टि से सरकार ने सभी स्कूलों को बंद कर दिया। कक्षा 9-12 के स्कूल इस साल दो अगस्त और कक्षा 6-8 तक के 16 अगस्त को खुल गए थे। उसके बाद से प्राइमरी पाठशाला के खुलने का इंतजार किया जा रहा था। शासन के निर्देश पर मंगलवार से छोटे बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो गई। मगर संख्याबल बेहद कम रहा। वहीं, बच्चों को स्कूल छोडऩे आए अभिभावक सहमति पत्र भी भरते नजर आए। शासन के निर्देश पर सभी स्कूलों में यह पत्र भरवाए गए हैं। जिसमें लिखा है कि कोविड नियमों का पालन करवाने में अभिभावक भी पूरा सहयोग करेंगे।

दो पाली में पढ़ाई

जिन स्कूल में छात्र संख्या कम होगी। वहां आठ से 11 बजे तक पढ़ाई होगी। जबकि ज्यादा विद्यार्थियों वाले प्राइमरी में दो पाली में शिक्षण सत्र चलेगा। यहां 11 से दो के बीच दूसरी शिफ्ट होगी। वहीं, जो बच्चे किसी वजह से अभी स्कूल नहीं आ रहे। उन्हें ऑनलाइन पढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षकों को सौंपी गई है।

न प्रार्थना न खेल

13 मार्च 2020 को प्राइमरी स्कूल अंतिम बार खुले थे। अब डेढ़ साल बाद पढ़ाई चालू होने पर स्थिति बिलकुल अलग थीं। मुंह पर मास्क पहन छोटे-छोटे बच्चे निश्चित दूरी पर बैठे थे। लंच बॉक्स लाने पर भी मनाही थी। कोविड नियमों के पालन के साथ उन्हें सीधा क्लास में बैठाया गया। कक्षा चालू होने से पहले प्रार्थना भी नहीं हुई। खेल व अन्य कार्यक्रमों पर भी फिलहाल प्रतिबंध है।

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