बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन : सर्वे के नाम पर कुछ सालों से जनता को भ्रमित कर रही सरकार
Bageshwar Tanakpur railway line बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन निर्माण संघर्ष समिति के सदस्यों ने तहसील परिसर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। समिति ने केंद्र सरकार से सामरिक महत्व की रेल लाइन के लिए शीघ्र बजट उपलब्ध कराने की मांग की।
बागेश्वर, जागरण संवाददाता : Bageshwar Tanakpur railway line : बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन निर्माण संघर्ष समिति के सदस्यों ने तहसील परिसर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। समिति ने केंद्र सरकार से सामरिक महत्व की रेल लाइन के लिए शीघ्र बजट उपलब्ध कराने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण रेल लाइन का निर्माण शुरू कराने की बजाए सर्वे के नाम पर सरकार गुमराह कर रही है।
रविवार को संघर्ष समिति की जिलाध्यक्ष नीमा दफौटी नेतृत्व में सदस्यों ने प्रदर्शन किया। कहा कि अंग्रेजों के समय में सर्वेक्षण होने के बावजूद सरकारें रेल लाइन निर्माण को आगे नहीं बढ़ा पाई। पिछले कुछ वर्षों में सर्वे के नाम पर जनता को भ्रमित करने का कार्य किया जा रहा है। कहा कि जिले तक रेल चलने लगेगी तो विकास के नए द्वार खुलेंगे। पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी। जिला मुख्यालय से देहरादून और दिल्ली तक धरना-प्रदर्शन भी पूर्व में किया गया है, लेकिन कोई सुध नहीं ली गई।
अंग्रेजी शासनकाल से है प्रस्तावित
अंग्रेजी शासनकाल 1887 में प्रस्तावित रेल लाइन का निर्माण अधर में लटका हुआ है। अंग्रेजों ने 1992 में सर्वे भी किया और 1980 में भारत सरकार ने फिर से सर्वे कराया। 2006, 2008, और 2010 में सर्वे के लिए तत्कालीन सरकार ने पुन: धनराशि स्वीकृत की। 2011-12 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय परियोजना में बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन को शामिल किया। विधानसभा चुनाव से पूर्व बजट जारी नहीं किया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इस मौके पर खड़क राम आर्या, विक्रम सिंह ड्योड़ी, हयात सिंह मेहता, वंशीधर जोशी, खीम सिंह मेहता, लक्ष्मी धर्मशक्तू, मालती पांडे, पार्वती पांडे, हेमा जोशी, गीता रावल, गिरीश पाठक आदि मौजूद थे।