कम लागत में अच्छी आय, मशरूम उत्पादन बन सकता है रोजगार का जरिया : जोशी

मुख्य अतिथि एपीडी विम्मी जोशी ने कहा कि काश्तकार मनोयोग से काम करें तो मशरूम उत्पादन रोजगार का जरिया बन सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों से मनोयोग से प्रशिक्षण लेने की अपील की। बताया कि मशरूम एक ऐसा उत्पाद है जिसमें हम बहुत कम लागत में अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 08:18 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 08:18 PM (IST)
कम लागत में अच्छी आय, मशरूम उत्पादन बन सकता है रोजगार का जरिया : जोशी
मशरूम की मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : आरसेटी सभागार में मंगलवार को मशरूम उत्पादन का दस प्रशिक्षण शुरू हो गया है। मुख्य अतिथि एपीडी विम्मी जोशी ने कहा कि काश्तकार मनोयोग से काम करें तो मशरूम उत्पादन रोजगार का जरिया बन सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों से मनोयोग से प्रशिक्षण लेने की अपील की। बताया कि मशरूम एक ऐसा उत्पाद है जिसमें हम बहुत कम लागत में अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। इसमें बहुत अधिक जमीन की भी जरूरत नहीं पड़ती है। बस प्रशिक्षण लेकर कुछ हजार में आप अपना काम शुरू कर सकते हैं। इसे शाकाहारी व मांसाहारी सभी पसंद करते हैं। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं।

आरसेटी के निदेशक एलपी टम्टा ने कहा कि जिले में मशरूम उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। धींगरी और बटन मशरूम की खेती से कई लोग रोजगार भी कर रहे हैं। मशरूम की मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। उन्होंने आरसेटी द्वारा संचालित अन्य स्वरोजगार परक कार्यक्रमों की भी जानकारी दी। कहा कि प्रशिक्षण लेने के बाद मशरूम की खेती में भी प्रशिक्षणार्थियों को सहयोग दिया जाएगा। एलबीओ प्रवीण सिंह गब्र्याल ने भी मशरूम उत्पादन कर उसे रोजगार का साधन बनानेे की अपील की। बताया कि बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन के लिए बैंक से ऋण भी लिया जा सकता है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बैंकिग और साइबर क्राइम की जानकारी दी। इससे पूर्व माइक्रो लैब के जरिए प्रतिभागियों का परिचय कराया गया। प्रशिक्षण में 29 प्रशिक्षणार्थी हिस्सा ले रहे हैं। आरसेटी फेकल्टी विजय सिंह लडवाल, महेंद्र सिंह पटवा, राजेश पंत, छवि दत्त पांडेय आदि ने सहयोग दिया।

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