गिरिजा मंदिर की सिर्फ चिंता है, बजट नहीं, मंदिर को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा शासन

मंदिर जैसे आस्था के मामले में शासन की ओर से अब तक सुरक्षा के लिए चुप्पी साधी हुई है। बरसात का सीजन शुरू हो गया है और जुलाई खत्म होने को है लेकिन अभी तक मंदिर की सुरक्षा के लिए बजट तक नहीं मिला है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:44 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:44 AM (IST)
गिरिजा मंदिर की सिर्फ चिंता है, बजट नहीं, मंदिर को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा शासन
काम के लिए दो बार प्रस्ताव भेजे गए हैं। अभी तक धन नहीं मिला है।

जागरण संवाददाता, रामनगर : मां गिरिजा देवी मंदिर की टीले की सुरक्षा के लिए अब तक शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। रूड़की के इंजीनियर की टीम के सर्वे के बाद भेजे गए प्रस्ताव पर मंदिर की सुरक्षा के लिए शासन गंभीर नहीं है। मंदिर को गिरने या फिर बड़ा हादसा होने की चिंता कई बार विशेषज्ञ जता चुके हैं। पर इस पर ईमानदारी से शासन कोई काम करता दिखाई नहीं दे रहा। इतनी भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं कभी कोई बड़ी दुर्घटना घट गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। क्या शासन उसी दिन का इंतजार कर रहा है।

गिरिजा मंदिर के मिट्टी के टीले को वर्ष 2010 में कोसी नदी में आई बाढ़ से खतरा पैदा हो गया था। इसी साल फरवरी में जिला प्रशासन ने आइआइटी रूड़की को पत्र लिखा था। 26 मार्च को आइआइटी रूड़की के सिविल इंजीनियर विभाग के प्रोफेसर डा. सत्येंद्र मित्तल, इंजीनियर दिनेश कुमार व निहारिका ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ गिरिजा मंदिर का निरीक्षण किया था। तय हुआ कि वैकल्पिक तौर पर टीले में वायर क्रेट लगाने व मंदिर के चारों ओर राउंड सीढिय़ां बनाने के अलावा कई अन्य कार्य होंगे। यह सुरक्षा सुझाव इंजीनियरों की टीम ने सिंचाई विभाग को दे दिए थे। मार्च में ही सिंचाई विभाग ने इन सुझावों का प्रस्ताव बनाकर जिलाधिकारी को भेजकर धन की मांग की थी। लेकिन मंदिर जैसे आस्था के मामले में शासन की ओर से अब तक सुरक्षा के लिए चुप्पी साधी हुई है। बरसात का सीजन शुरू हो गया है और जुलाई खत्म होने को है, लेकिन अभी तक मंदिर की सुरक्षा के लिए बजट तक नहीं मिला है।

सिंचाई विभाग के अफसर केसी उनियाल का कहना है कि मंदिर की सुरक्षा के विभाग स्तर से वैकल्पिक वायर क्रेट लगा दी थी, लेकिन बड़े काम के लिए दो बार प्रस्ताव भेजे गए हैं। अभी तक धन नहीं मिला है। धन आवंटित होने पर ही मंदिर की सुरक्षा का काम हो पाएगा।

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