नैनीताल में समलैंगिक नाबालिक बेटे ने पिता पर लगाए जबरन शादी करने के आरोप
नैनीताल में एक अीजबाे-गरीब मामला सामने आया है। शहर के एक नाबालिक बेटे ने पिता पर इच्छा के विरुद्ध शादी करने का आरोप लगाया है।
नैनीताल, जेएनएन : नैनीताल में एक अीजबाे-गरीब मामला सामने आया है। शहर के एक नाबालिक बेटे ने पिता पर इच्छा के विरुद्ध शादी करने का आरोप लगाया है। उसकी की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। 16 वर्षीय किशोर ने कहा है कि वह समलैंगिक है। इस बात का पता जब परिजनों को लगा तो पिता ने उसकी जबरन शादी कर दी। कोतवाल अशोक कुमार सिंह ने बताया कि किशोर के पिता के खिलाफ बाल विवाह निषेद अधिनियम 2006 की धारा 3, 10 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
अब तक धारा 377 में क्या था?
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए धारा 377 को अतार्किक करार दे दिया था। जिसके बाद देश में समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया गया था। कोर्ट के फैसले से पहले तक आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिकता अपराध की श्रेणी में था। इसमें 10 साल या फिर जिंदगीभर जेल की सजा का भी प्रावधान था, वो भी गैर-जमानती। यानी अगर कोई भी पुरुष या महिला इस एक्ट के तहत अपराधी साबित होते हैं तो उन्हें बेल नहीं मिलती।
LGBTQ संगठन ने लड़ी समलैंगिक अधिकारों की लड़ाई
समलैंगिकता की इस श्रेणी को LGBTQ (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और क्वीयर) के नाम से भी जाना जाता है। इस समुदाय के लोगों ने ही लंबे समय से भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code)के तहत इस धारा में बदलाव कराने और अपना हक पाने के लिए सालों से लड़ाई लड़ी।
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