गौलापार टापूनुमा विजयपुर गांव से अभी कोरोना दूर, नदी पार गांव हरियाली व सुकून के लिए जाना जाता है

खुशी की बात यह है कि 550 लोगों की आबादी वाले इस गांव का कोरोना से भी कोई संपर्क नहीं है। ग्रामीण सजग है और बेवजह शहर की तरफ नहीं जाते। यह गांव जमीन के बराबर नहीं बल्कि पहाड़ी पर टापूनुमा आकार में बसा हुआ है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 06:40 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 06:40 AM (IST)
गौलापार टापूनुमा विजयपुर गांव से अभी कोरोना दूर, नदी पार गांव हरियाली व सुकून के लिए जाना जाता है
चारों तरफ जंगल से घिरा गांव होने के कारण लोगों को ताजी हवा के साथ सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: शहर से छह किमी दूर गौलापार की तरफ एक गांव पड़ता है विजयपुर। यहां पहुंचने के लिए सूखी नदी को पार करना पड़ता है। जिस वजह से लगता है कि गांव और बाकी शहर का आपस में संपर्क नहीं हैै। खुशी की बात यह है कि 550 लोगों की आबादी वाले इस गांव का कोरोना से भी कोई संपर्क नहीं है। ग्रामीण सजग है और बेवजह शहर की तरफ नहीं जाते। यह गांव जमीन के बराबर नहीं बल्कि पहाड़ी पर टापूनुमा आकार में बसा हुआ है। अगर ग्रामीणों द्वारा इसी जागरूकता का परिचय आगे भी दिया गया तो महामारी इस टापू पर नहीं चढ़ पाएगी।

विजयपुर निवासी कृपाल दत्त बृजवासी ने बताया कि मौजूदा समय में यहां कुल 80 परिवार रहते हैं। जिसमें से अधिकांश का पेशा खेती व दूध व्यवसाय है। गांव के कुछ युवा हल्द्वानी में अलग-अलग जगहों पर नौकरी करने को आते हैं। उनके द्वारा मास्क व सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी को कोरोना से सुरक्षा कवच मानने के कारण फिलहाल वह संक्रमण से दूर है। चारों तरफ जंगल से घिरा गांव होने के कारण लोगों को ताजी हवा के साथ सकारात्मक  ऊर्जा भी मिलती है।

आजादी के बाद से सिर्फ एक दर्द

विजयपुर के ग्रामीणों के लिए बरसात आफत बनकर आती है। सूखी के तब उफान पर आने की वजह से शहर से संपर्क टूट जाता है। जिस वजह से बीमार व बच्चों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। आजादी के बाद से चली आ रही मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी।

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