Galwan Valley clash : शहीदों को नमन करने के लिए एफटीआई में तैयार की गई गलवन वाटिका
15 और 16 जून को लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के हमले में भारतीय सेना के कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। इस शहादत को नमन करते हुए उत्तराखंड वन अनुसंधान ने रामपुर रोड स्थित फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के परिसर में गलवन वाटिका तैयार कर थीं।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : 15 और 16 जून को लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के हमले में भारतीय सेना के कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। इस शहादत को नमन करते हुए उत्तराखंड वन अनुसंधान ने रामपुर रोड स्थित फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के परिसर में गलवन वाटिका तैयार कर थीं। जहां सभी 20 शहीदों के नाम पर अलग-अलग प्रजाति के पौधे लगाए गए।
पर्यावरण संरक्षण के साथ इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को देश की खातिर इन जवानों के योगदान की याद दिलाना भी था। अब इस वाटिका के पौधे धीरे-धीरे आकार लेते हुए बढऩे लगे हैं। 2020 में 15-16 जून की रात चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया था। जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इसके अलावा करीब 43 चीनी भी मारे गए। इन शहीदों की याद में हल्द्वानी में वाटिका बनाई गई है।
पुलवामा शहीदों के नाम भी वाटिका
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ जवानों की बस को विस्फोट से उड़ा दिया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इनकी याद में भी वन अनुसंधान ने 40 अलग-अलग प्रजाति के पौधे लगाए गए थे। पुलवामा वाटिका की देखरेख के लिए भी स्टाफ नियुक्त किया गया है।
इनके नाम पर गलवन वाटिका
कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबु, नायब सूबेदार नुदोरम सोरेन, मनदीप सिंह, सतनाम सिंह, हवलदार के पालनी, सुनील कुमार, बिपुल राय, नायक दीपक कुमार, सिपाही राजेेश ओरंग, कुंदन कुमार ओझा, गणेश राम, चंद्रकांता प्रधान, अंकुश, गुरबिंदर, गुरतेज सिंह, चंदन कुमार, कुंदन कुमार, अमन कुमार, जय किशोर सिंह, गणेश हंसड़ा।
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