लापरवाही पर गदरपुर-दिनेशपुर के प्रधानाचार्य का वेतन रोका

अटल उत्कृष्ट विद्यालय की कार्रवाई में लापरवाही बरतना दो प्रधानाचार्यों को महंगा पड़ गया। सीईओ रमेश चंद्र आर्य ने कार्य में लापरवाही करने पर दिनेशपुर और गदरपुर के प्रधानाचार्यों का एक माह का वेतन रोक दिया है। कहा क‍ि लापरवाही बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 08:59 PM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 08:59 PM (IST)
लापरवाही पर गदरपुर-दिनेशपुर के प्रधानाचार्य का वेतन रोका
24 मार्च तक राजकीय इंटर कालेज गदरपुर और दिनेशपुर के प्रधानाध्यापकों ने कार्य पूरा नहीं किया।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : अटल उत्कृष्ट विद्यालय की कार्रवाई में लापरवाही बरतना दो प्रधानाचार्यों को महंगा पड़ गया। सीईओ रमेश चंद्र आर्य ने कार्य में लापरवाही करने पर दिनेशपुर और गदरपुर के प्रधानाचार्यों का एक माह का वेतन रोक दिया है।

सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई को लेकर पिछले दिनों प्रदेश में 188 अटल विद्यालय खोलने पर मुहर लगी थी। हर ब्लाक में दो-दो अटल माडल विद्यालय बनने हैं। जिले के 14 विद्यालयों में सीबीएसई से मान्यता दिलाने के लिए कार्रवाई चल रही है। इसके लिए सीईओ आर्य ने चयनित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को जरूरी दस्तावेज विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। साथ ही कार्य पूरा होने पर सूचना देने को कहा था।

24 मार्च तक राजकीय इंटर कालेज गदरपुर और राजकीय इंटर कालेज दिनेशपुर के प्रधानाध्यापकों ने कार्य पूरा नहीं किया। इस संबंध में बुधवार को सीईओ ने जब कर्मचारियों से विद्यालयों के बारे में जानकारी ली तो दिनेशपुर और गदरपुर का कार्य अपूर्ण मिला। इस पर उन्होंने जीआइसी दिनेशपुर के प्रधानाचार्य अरूण मेहता व जीआइसी गदरपुर के प्रधानाचार्य परशुराम दिवाकर का वेतन रोकने की कार्रवाई की है। कहा कि अगले शैक्षिक सत्र से इन विद्यालयों का संचालन होना है। कक्षा छह से 12वीं तक संचालित इन विद्यालयों में ङ्क्षहदी और अंग्रेजी, दोनों माध्यम से सीबीएसई पाठ्यक्रम में शिक्षा दी जाएगी। छात्रों को ङ्क्षहदी या अंग्रेजी माध्यम का विकल्प चुनना होगा। विद्यालय में क्षमता से अधिक दाखिले के इच्छुक छात्रों का चयन प्रतिस्पर्धा से किया जाएगा।

सीईओ रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि दिनेशपुर और गदरपुर के प्रधानाचार्य की ओर से कार्य को लेकर लापरवाही सामने आई है। पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने के लिए इन लोगों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। इसके बाद अगर कमी सामने आ रही है तो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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