पेड़ गिरने से बिजली लाइन क्षतिग्रस्त होने के झंझट से मिलेगी मुक्ति, बिजली की लाइन जंगल से हटाने का भेजा प्रस्ताव

अब बरसात व जाड़े के दिनों में अंधड़ और भारी बारिश में पेड़ गिरने से बिजली लाइनों के टूटने के कारण विद्युत आपुर्ति बाधित होने की समस्या से नहीं गुजरना पड़ेगा। ऊर्जा निगम ने बढ़ती समस्या को देखते हुए इसका समाधान ढूढ़ लिया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 11:43 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:43 AM (IST)
पेड़ गिरने से बिजली लाइन क्षतिग्रस्त होने के झंझट से मिलेगी मुक्ति, बिजली की लाइन जंगल से हटाने का भेजा प्रस्ताव
अब बिजली की लाइन जंगल के बीच से होकर नहीं, बल्कि सड़क किनारे से होकर जाएगी।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। भवाली के समीपवर्ती निगलाट क्षेत्र के ग्रामीणों को अब बरसात व जाड़े के दिनों में अंधड़ और भारी बारिश में पेड़ गिरने से बिजली लाइनों के टूटने के कारण विद्युत आपुर्ति बाधित होने की समस्या से नहीं गुजरना पड़ेगा। ऊर्जा निगम ने बढ़ती समस्या को देखते हुए इसका समाधान ढूढ़ लिया है। अब बिजली की लाइन जंगल के बीच से होकर नहीं, बल्कि सड़क किनारे से होकर जाएगी। विभाग की ओर से कैम्पा योजना के तहत नई लाइन बिछाने का प्रस्ताव भेजा गया है। बजट जारी होते ही लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस योजना से जहां ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा, वही हर वर्ष लाइन में आने वाले फॉल्ट को दुरुस्त करने में होने वाले विभागीय खर्च की भी बचत होगी।

भवाली के समीप स्थित निगलाट गांव को मेहरागांव सब स्टेशन से बिजली की सप्लाई होती है। जिसके लिए भवाली सेनेटोरिय, भवाली गांव, मछली डिग्गी होते हुए निगलाट तक बिजली की लाइन बिछाई गई है। वर्षों से यह बिजली की लाइन जंगल से होकर गुजरती है। जिस कारण जाड़ो में बर्फबारी, बरसात में भूस्खलन और अंधड़ में अक्सर बिजली की लाइन में पेड़ गिरने की समस्या बनी रहती है। जिस कारण अक्सर गाँव की विद्युत आपूर्ति बाधित हो जाया करती है। कई बार तो ग्रामीणों को कई दिनों तक बिजली नहीं आने का संकट झेलना पड़ता है। लगातार आ रही समस्या को देखते हुए अब ऊर्जा निगम ने इसका समाधान निकाला है। अधिशाषी अभियंता हारून रशीद ने बताया कि एसडीओ भवाली मनोज तिवारी द्वारा इस लाइन को भवाली-अल्मोड़ा राजमार्ग के किनारे से ले जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसके लिए कैम्पा योजना से बजट की मांग की गई है। बजट मिलते ही लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

विभागीय खर्च में भी आएगी बचत

हारून रशीद ने बताया कि जंगल के बीच से गुजरने के कारण अक्सर लाइन के फाल्ट आते रहते है। जिसको दुरुस्त करने में विभाग को हर वर्ष लाखों रुपये खर्च करने पड़ते है। यदि लाइन सड़क किनारे से बिछा दी जाएगी तो पेड़ अथवा टहनी गिरने से लाइन क्षतिग्रस्त होने की समस्या दूर हो जाएगी। जिससे ग्रामीणों को निर्बाध आपुर्ति तो मिलेगी ही विभाग का हर वर्ष लाखों रुपया भी बचेगा।

एसडीआे मनोज तिवारी का कहना है कि सड़क किनारे सेलाइन बिछाने के लिए कैंपा योजना के तहत प्रस्ताव बना कर भेजा है। बजट मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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