काशीपुर में आवासीय भवन खरीदने में की गई थी धोखाधड़ी, कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज

बैंक से छुट्टी के दिन ऋण दिया गया और ऋण लेने से एक महीने पहले पूजा ने मकान बेचकर रजिस्ट्री करा दी थी। मामले की तहरीर पुलिस को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा अदालत में गुहार लगाई गई।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 07:08 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 07:08 AM (IST)
काशीपुर में आवासीय भवन खरीदने में की गई थी धोखाधड़ी, कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज
मकान की रजिस्ट्री के समय विक्रेता के पति धर्मेंद्र गवाह थे। उसने 2020 में मकान निम्मी शर्मा को बेच दिया।

जागरण संवाददाता, काशीपुर: मकान बेचने के  धोखाधड़ी कर बैंक से लोन लेने के मामले में न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अब मामले की विवेचना कर रही है। उत्तर प्रदेश के बरखेड़ा टांडा, थाना स्योहरा जिला बिजनौर निवासी चंद्रेशखर पुत्र देवेन्द्र ङ्क्षसह ने अधिवक्ता महावीर ङ्क्षसह के माध्यम से न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें कहा कि उसने नीझड़ा में एक आवासीय भवन 27 नवंबर 2018 को ग्राम कचनालगाजी निवासी पूजा चड्ढा पत्नी धर्मेंद्र ङ्क्षसह से 11 लाख रुपये में खरीदा था। मकान की रजिस्ट्री के समय विक्रेता के पति धर्मेंद्र गवाह थे। उसने 2020 में यह मकान निम्मी शर्मा को बेच दिया।

वर्तमान में निम्मी शर्मा इस मकान में परिवार समेत रहती है। 25 अगस्त 2021 को निम्मी ने बताया कि चंद्रशेखर ने बैंक से ऋण ले रखा है। ऋण की अदायगी न होने पर डीएम ने मकान को फाइनेंस कंपनी के पक्ष में कुर्क करने के आदेश दिये हैं। पता चला कि धर्मेंद्र व उसकी पत्नी ने भी हल्द्वानी स्थित एक फाइनेंस कंपनी में मकान को बंधक रखकर ऋण ले रखा है। जिसकी अदायगी नहीं की गई है। कहा कि बैंक से छुट्टी के दिन ऋण दिया गया और ऋण लेने से एक महीने पहले पूजा ने मकान बेचकर रजिस्ट्री करा दी थी। मामले की तहरीर पुलिस को दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा अदालत में गुहार लगाई गई। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मिथिलेश पांडेय की अदालत ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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