पीआरडी भर्ती के मामले में कुमाऊं में भी आंदोलन की सुगबुगाहट

विरोध की आंच देहरादून के बाद अब कुमाऊं में भी पहुंचने लगी है। प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन के पूर्व पदाधिकारियों ने युवा कल्याण एवं पीआरडी विभाग पर नियमविरुद्ध भर्ती देने का आरोप लगाया है। जल्द मामले में कोई ठोस कार्रवाई न हुई तो कुमाऊं में भी विरोध किया जाएगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 07:54 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 07:54 AM (IST)
पीआरडी भर्ती के मामले में कुमाऊं में भी आंदोलन की सुगबुगाहट
अप्रशिक्षित जवानों को प्रशिक्षण दिए जाने की इस सुगबुगाहट ने प्रशिक्षित पीआरडी जवानों में खलबली मचा दी।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : निदेशालय स्तर पर चल रहे प्रशिक्षण के विरोध की आंच देहरादून के बाद अब कुमाऊं में भी पहुंचने लगी है। प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन के पूर्व पदाधिकारियों ने युवा कल्याण एवं पीआरडी विभाग पर नियमविरुद्ध भर्ती देने का आरोप लगाते हुए चेताया है कि यदि जल्द मामले में कोई ठोस कार्रवाई न हुई तो देहरादून की तरह कुमाऊं भर में भी विरोध किया जाएगा।

बीते दिनों युवा कल्याण एवं पीआरडी निदेशक की ओर से एक आदेश जारी कर कहा गया कि विभिन्न विभागों में पंजीकृत एवं अप्रशिक्षित पीआरडी स्वयंसेवकों को 15 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। दो चरणों का यह प्रशिक्षण 22 फरवरी से शुरू होकर 23 मार्च तक देहरादून निदेशालय स्थित राज्य प्रशिक्षण एवं कौशल विकास केंद्र आमवाला में चलना है। अप्रशिक्षित जवानों को प्रशिक्षण दिए जाने की इस सुगबुगाहट ने प्रशिक्षित पीआरडी जवानों में खलबली मचा दी। जिसके बाद पीआरडी हित संगठन ने विभिन्न समस्याओं को लेकर बैठक की और निदेशालय स्तर पर चल रहे प्रशिक्षण को नियमावली के विरुद्ध बताया।

आरोप लगाया कि निदेशालय कुछ बाहरी लोगों को विभिन्न तरह के प्रशिक्षण दे रहा है। मांग उठी कि प्रशिक्षण की जांच कराते हुए इसपर रोक लगाई जानी चाहिए। इधर, संगठन के पूर्व पदाधिकारियों ने भी प्रशिक्षण पर सवाल उठाए हैं। कहना है कि कुमाऊं में भी पूर्व में नियमविरुद्ध पीआरडी जवानों की भर्ती की गई है। कई कालेजों, विभागों में मनमाने तरीके से जवान भर्ती कर दिए गए।

विज्ञप्ति जारी न होने पर उठे सवाल

प्रशिक्षित पीआरडी जवानों का कहना है कि भर्ती में नियमानुसार पहले विभाग की ओर से समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी कर आवेदन मांगे जाने होते हैं। चुने जाने वालों को प्रशिक्षण मिलता है। 2016 में प्रभारी सचिव की ओर से एक आदेश जारी किया गया जिसमें यह स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि पंजीकृत एवं प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की ही तैनाती की जाए। अप्रशिक्षित स्वयंसेवकों की भर्ती विभाग नहीं करेगा। लेकिन, इसके बाद भी अप्रशिक्षितों स्वयंसेवकों की भर्ती कर दी गई। जिन्हें अब निदेशालय स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पीआरडी हित संगठन के पूर्व अध्‍यक्ष द‍िनेश प्रसाद ने बताया कि निदेशालय में अप्रशिक्षित लोगों को फर्जी तरीके से ट्रेनिंग देकर प्रशिक्षित जवानों के पेट में लात मारी जा रही है। पहले प्रशिक्षितों को नियमित ड्यूटी दी जाए इसके बाद फर्जी तरीके से रखे गए लोगों को नौकरी से निकाला जाए। ऐसा न हुआ तो कुमाऊं भर में आंदोलन छेड़ा जाएगा।

ज‍‍िला युवा कल्‍याण अधिकारी दीप्ति जोशी का कहना है कि शासन स्तर से 2016 में जारी किया गया आदेश कुछ दिनों बाद ही निरस्त हो गया था। जहां तक बात है अप्रशिक्षित पीआरडी जवानों को प्रशिक्षण देने और उनकी भर्ती करना शासन स्तर का मामला है। जिले से कोई निर्णय इस बारे में नहीं लिया जाता है।

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