चाकू से गोदकर जंगल में फेंक दिया था श्रमिक का शव, चार युवकों को आजीवन कारावास

राजपुरा हल्‍द्वानी निवासी श्रमिक की अपहरण के बाद हत्या के मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम अरविंद कुमार की अदालत ने शुक्रवार को चार युवकों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 08:18 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 12:38 PM (IST)
चाकू से गोदकर जंगल में फेंक दिया था श्रमिक का शव, चार युवकों को आजीवन कारावास
हल्‍द्वानी निवासी श्रमिक की हत्या में चार युवकों को आजीवन कारावास

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : राजपुरा, हल्‍द्वानी निवासी श्रमिक की अपहरण के बाद हत्या के मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम अरविंद कुमार की अदालत ने शुक्रवार को चार युवकों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके बाद हाई कोर्ट से जमानत पर रिहा चारों दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी ने बताया कि घटना नौ जुलाई 2014 की है। राजपुरा निवासी राजमिस्त्री रामभरोसे ने कोतवाली हल्द्वानी में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका बेटा सुनील मजदूरी करता था। नौ जुलाई को नानकमत्ता निवासी जगतार उर्फ हैरी ने मजदूरी के सिलसिले में लालकुआं बुलाया। इसके बाद से सुनील लापता हो गया। 12 जुलाई 2014 को रामभरोसे ने किच्छा के भंगा निवासी सगे भाई अशोक कश्यप और वृजेश कश्यप पर सुनील की हत्या का शक जाहिर किया। 

शक के आधार पर पुलिस ने 13 जुलाई 2014 को तीनपानी से अशोक और वृजेश को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने जगतार से सुनील को लालकुआं बुलवाया था। जहां दोनों भाई और जगतार के साथ मुनेंद्र कश्यप निवासी अगरेसी, आलापुर बदायूं ने मिलकर बोलेरो से सुनील को अगवा कर लिया। चारों सुनील को बाजपुर की ओर ले गए। रास्ते मे उन्होंने चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी और शव को गड़प्पू के जंगल मे फेंक दिया। 

दोनों भाइयों की निशानदेही पर पुलिस ने सुनील का शव बरामद कर लिया। इसके बाद पुलिस ने पहले मुनेंद्र और फिर जगतार को गिरफ्तार किया। मुनेंद्र की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया गया। शव के पास से एक मोबाइल भी बरामद हुआ था, जो अशोक का था।

वहीं, लालकुआं में जिस होटल के सामने से सुनील को अगवा किया गया था उसने भी तुरंत पुलिस को सूचित किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी ने न्यायालय में कुल 18 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद शुक्रवार को न्यायालय ने चारों आरोपितों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 

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