फिटनेस खत्म होने पर खाली दौड़ाई चार रोडवेज बसें, बेवजह खर्च हो गया तेल
परिवहन निगम के अफसर बसों को लेकर कितने गंभीर है। इसकी पोल चार गाडिय़ों के फिटनेस सर्टिफिकेट ने खोल दी। फिटनेस प्रमाणपत्र खत्म होने के अंतिम समय तक बसों को देहरादून नहीं भेजा गया। जब तारीख निकल गई तो हल्द्वानी डिपो की चार गाडिय़ों को खाली दून भेजा गया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : परिवहन निगम के अफसर बसों को लेकर कितने गंभीर है, इसकी पोल चार गाडिय़ों के फिटनेस सर्टिफिकेट ने खोल दी। फिटनेस प्रमाणपत्र खत्म होने के अंतिम समय तक बसों को देहरादून नहीं भेजा गया। जब तारीख निकल गई तो हल्द्वानी डिपो की चार गाडिय़ों को खाली दून भेजा गया। अफसरों की लापरवाही की वजह से बेवजह डीजल खर्च हुआ। इसके अलावा सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
उत्तराखंड रोडवेज जो बसें देहरादून आरटीओ दफ्तर से रजिस्टर्ड है। उनकी फिटनेस व अन्य कागजी प्रक्रिया भी वहीं से पूरी होती है। रोडवेज से मिली जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी डिपो की चार गाडिय़ों की फिटनेस अवधि पूरी हो गई थी। इसमें नैनीताल व बरेली रूट पर चलने वाली गाडिय़ां शामिल है। परिवहन विभाग के नियम के मुताबिक फिटनेस के नवीनीकरण के लिए वाहन को आरटीओ दफ्तर लाना जरूरी होता है। जहां आरआइ द्वारा पूरे वाहन का सत्यापन किया जाता है। पूरी तरह फिट होने पर ही गाड़ी को पास किया जाता है।
अगर आरआइ की तरफ से कोई कमी निकाली दी जाए तो उसे दुरुस्त करना अनिवार्य है। उसके बाद दोबारा गाड़ी को चेक किया जाता है। वहीं, रोडवेज की चार गाडिय़ों का समय निकलने के बावजूद अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। जिस वजह से चालक अपने रिस्क पर गाडिय़ों को खाली लेकर देहरादून रवाना हो गए। जबकि निगम को यह करना चाहिए था कि अन्य रूटों की इन बसों को तारीख खत्म होने से पहले सवारी लेकर दून भेजते। उसके बाद आरटीओ दफ्तर। जिससे डीजल खर्च निकलने के साथ इनकम भी आती।