ऊधमसिंह नगर की तीन राइस मिलों में बचा है चार करोड़ का चावल, कट सकती आरसी
यूसीएफ के जिला प्रबंधक हेमचंद कबड़वाल ने बताया कि बाजपुर की दो व खटीमा की एक राइस मिल को 31 अगस्त तक चावल खाद्य विभाग को संप्रेषण करना था मगर नहीं कर सकी। इन मिलों पर 15715.84 क्विंटल चावल अवशेष है जिसका मूल्य करीब चार करोड़ रुपये हैं।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : धान से निर्मित कस्टम मिल्ड चावल खाद्य विभाग को न देने वाले तीन राइस मिलों पर उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ सख्त हो गया है। संघ के एमडी ने तीनों मिलों के खिलाफ केस दर्ज कर डीएम के जरिये आरसी काटने की कार्रवाई को कहा है। साथ ही वसूली करने को भी कहा गया है। इससे मिल स्वामियों में खलबली मची है। इन मिलों पर 15715.84 क्विंटल हैं, जिसकी कीमत करीब चार करोड़ रुपये बताई जा रही है।
सरकारी क्रय केंद्रों पर सरकारी धान की खरीदारी होती है। जिसे राइस मिलों में लेवी पर धान की कुटाई की जाती है। कुटाई के बाद चावल खाद्य विभाग को वापस किया जाता है। जिले की तीन राइस मिलों पर 15715.84 क्विंटल चावल बकाया रह गया है। इनमें बाजपुर की मैसर्स सुदेश राईस मिल पर 4158.21 क्विंटल, मैसर्स मनी फूड्स मिल पर 3201.63 क्विंटल और खटीमा की मैसर्स जगदंबा एग्रो सीड्स पर 8356.00 क्विंटल अभी भी अवशेष है। 31 अगस्त तक चावल खाद्य विभाग को संप्रेषण किया जाना था,मगर समय से संप्रेषण नहीं किया जा सका है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के एमडी मंगला प्रसाद त्रिपाठी ने बुधवार को यूसीएफ यूएस नगर के जिला प्रबंधक को पत्र भेजकर तीनों मिलों पर रिपोर्ट दर्ज कराने व जिलाधिकारी से संबंधित मिलर्स के खिलाफ आरसी जारी करने की कार्यवाही करने व चावल के मूल्य की धनराशि की वसूली के निर्देश दिए हैं। इससे मिलरों में हड़कंप मचा है।
यूसीएफ के जिला प्रबंधक हेमचंद कबड़वाल ने बताया कि बाजपुर की दो व खटीमा की एक राइस मिल को 31 अगस्त तक चावल खाद्य विभाग को संप्रेषण करना था, मगर नहीं कर सकी। इन मिलों पर 15715.84 क्विंटल चावल अवशेष है, जिसका मूल्य करीब चार करोड़ रुपये हैं। इन मिलों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।